चिली के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में एक विशालकाय ग्रह का पता लगाया है, जो आकार में हमारे सोलर सिस्टम के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति से 11 गुना बड़ा है. यह ग्रह दक्षिणी आकाश में दो चमकदार सितारों का चक्कर लगा रहा है. इस ग्रह को ‘बी-सेंचुरी’ नाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि यह ग्रह हमारी पृथ्वी से करीब 325 प्रकाश वर्ष दूर है. इस ग्रह की तस्वीरों को देख कर वैज्ञानिक भी हैरत में हैं. चिली के यूरोपीयन टेलिस्कोप के जरिये मार्कस जॉनसन और उनकी टीम ने इस ग्रह की खोज की है.
अंतरिक्ष में घूम रहा यह ग्रह गैस से भरा हुआ है. वहीं, इस ग्रह का परिक्रमा पथ बृहस्पति ग्रह से 100 गुना चौड़ा है. रहस्य की बात यह है कि ‘बी सेंचुरी’ ग्रह वहीं पर बना प्रतीत होता है. जर्नल नेचर में प्रकाशित इस अध्ययन में खगोलविदों ने अपनी खोज के बारे में पूरा विवरण दिया है. ऐसा पहली बार है, जब एक गैस से भरे ग्रह को एक सितारे के आसपास खोजा गया है, जो सूर्य से आकार में भी तीन गुना बड़ा है.
इस नये ग्रह की खोज करने वाले वैज्ञानिक मार्कस जॉनसन ने कहा कि मैंने सोचा था कि सितारों के आसपास ऐसा कोई ग्रह नहीं होगा, जो रोचक होगा, लेकिन इसके आसपास कई ग्रह मौजूद हैं, जो और ज्यादा रोचक हो सकते हैं. वैज्ञानिकों ने बताया कि ‘बी सेंचुरी’ सिस्टम में दो सितारे हैं- ‘बी सेंचुरी ए’ और ‘बी सेंचुरी बी’.
यह ग्रह दक्षिणी आकाश में दो चमकदार सितारों का लगा रहा चक्कर
सूर्य से आकार में भी तीन गुना बड़ा है यह नया ग्रह
इस ग्रह का परिक्रमा पथ बृहस्पति ग्रह से 100 गुना है चौड़ा
गैस से भरा यह ग्रह अंतरिक्ष में लगा रहा चक्कर
सूरज से 10 गुना तक बड़े हो सकते हैं ‘बी सेंचुरी’ के सितारे: वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर ‘बी सेंचुरी ए’ और ‘बी सेंचुरी बी’ को मिला दिया जाये, तो ये सूरज से 6 से 10 गुना ज्यादा बड़े हो सकते हैं. इस आकार में उन्हें एक विशाल ग्रह होना चाहिए. दोनों ही बहुत गर्म हैं, जो सामान्य से अलग है. इस नयी खोज से अब तक जो हम ग्रहों के निर्माण के बारे में जानते हैं, उसमें बदलाव ला सकता है. जॉनसन ने कहा कि इस ग्रह के बारे में अब तक मिली जानकारी बहुत ही अजीब है.
Posted by: Pritish Sahay