Suicide Pod: बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस दौर में हमें हर रोज कुछ नया इनोवेशन देखने को मिलता है. इसी बीच अब एक ऐसी तकनीक की बात की जा रही है, जो लगों को झकझोर कर रख दिया है. सचमुच कुछ ऐसा भी हो सकता है क्या? और यह नई तकनीक इंटरनेट पर चर्चा का विषय बनी हुई है.
दरअसल, स्विटजरलैंड में द लास्ट रिजॉर्ट संगठन सार्को कैप्सूल को पेश करने की तैयारी कर रही है. यह पोर्टेबल सुसाइड पॉड, अंतरिक्ष के टूल जैसा दिखाई देता है. पोर्टेबल सुसाइड पॉड को हाइपोक्सिया के माध्यम से मृत्यु को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजाइन किया गया है.
सुसाइड पॉड कैसे काम करता है?
कार्यात्मक रूप से, Sarco कैप्सूल यूजर्स को आराम से अंदर लेटने का ऑप्शन देता है. फिर, Sarco तेजी से ऑक्सीजन लेवल को कम करता है, जिससे हार्ट रेट बढ़ जाती है और स्किन का कलर ब्लू पड़ने लगता है जिससे सिर्फ 0.21 सेकेंड में आदमी बेहोश हो जाता है फिर उसके बाद मौत हो जाती है. एक बार अगर सार्को कैप्सूल एक्टिव हो गया उसके बाद, उससे बहार निकलने का कोई विकल्प नहीं है. जैसे ही यूजर इस सुसाइड पॉड का यूज करता है तो उससे कुछ ऑटोमेटेड सवाल पूंछे जाएंगे जिससे उसके मेंटल स्टेट्स की जानकारी का पता चल जाएगा. फिर उसके बाद सुसाइड पॉड उस व्यक्ति को सुसाइड करने का अनुमति दे देगा.
ध्यान देने वाली बात यह है कि स्विट्जरलैंड में इच्छामृत्यु कानूनी है, पर स्विस क्रिमिनल कोड के आर्टिकल 115 में कहा गया है कि असिस्टेड सुसाइड ऐसा जुर्म है जो सेल्फिश कारणों से किया जाता है. रिपोर्ट के मुताबिक इस सुसाइड पॉड का इस्तेमाल करने के लिए मैक्सिमम आयु सीमा 50 वर्ष की रखी गई है.
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