JIO Satellite Communications: रिलायंस ग्रूप की जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने सैटेलाइट-आधारित ब्रॉडबैंड सेवाओं का परीक्षण शुरू करने के लिए दूरसंचार विभाग से स्पेक्ट्रम की मांग की है.
आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को आईएन-स्पेस से सैटेलाइट सर्विस ऑपरेट करने की मंजूरी मिल चुकी है. दूरसंचार विभाग इसे पहले ही सैटेलाइट कम्युनिकेशंस सर्विस लाइसेंस जीएमपीसीएस और इंटरनेट सेवा प्रदाता लाइसेंस दे चुका है.
घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने स्पेक्ट्रम के परीक्षण के लिए पिछले महीने आवेदन किया था. सैटेलाइट संचार के लिए स्पेक्ट्रम को सरकार की तरफ से अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे कॉमर्सियल रूप से शुरू कर दिया जाएगा.’’
रिलायंस इंडस्ट्रीज ग्रूप की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स ने सैटेलाइट संचार सेवाओं के लिए लक्जमबर्ग स्थित एसईएस के साथ एक ज्वाइंट वेंचर स्थापित किया है.
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (आईएन-स्पेस) ने अप्रैल में जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस को भारतीय अंतरिक्ष में सैटेलाइट आधारित सेवाएं संचालित करने के लिए अधिकृत किया था.
जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस के अलावा भारती समूह समर्थित यूटेलसैट वनवेब को भी सैटेलाइट संचार से जुड़ी सभी मंजूरी मिल चुकी है. इसे मार्च में परीक्षण स्पेक्ट्रम जारी किया गया था.
दूरसंचार अधिनियम, 2023 में सैटेलाइट कंपनियों को पॉइंट-टू-पॉइंट संचार के लिए स्पेक्ट्रम के प्रशासनिक आवंटन का प्रावधान किया गया है लेकिन रेडियो वेव्स के आवंटन के नियमों और विवरणों को सरकार ने अभी अंतिम रूप नहीं दिया है. पीटीआई भाषा इनपुट के साथ.
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