Loading election data...

सोशल मीडिया में गलत तथ्य पेश करने पर सुप्रीम कोर्ट नाराज, कही यह बात

Social Media में अदालतों के विचाराधीन मामलों पर जो मैसेज, कमेंट और लेख लिखे जा रहे हैं, उनपर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जतायी है. शीर्ष न्यायालय ने कहा है कि इनपर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है.

By Agency | April 14, 2024 12:37 PM
an image

Supreme Court strict on Social Media : उच्चतम न्यायालय ने अदालतों में विचाराधीन मामलों पर संदेशों, टिप्पणियों और आलेखों के जरिये सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग होने पर चिंता जतायी है.

न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस (अब सेवानिवृत्त) और न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी की पीठ ने एक मामले में फेसबुक पर भ्रामक पोस्ट डालने के लिए असम के विधायक करीमउद्दीन बारभुइया के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करते हुए यह टिप्पणी की. इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया गया था.

ये Click Here Trend क्या है, जो एक्स पर खूब हो रहा वायरल

पीठ ने कहा, यह गंभीर चिंता का विषय है कि इन दिनों सोशल मीडिया मंचों का अत्यधिक दुरुपयोग हो रहा है और उन पर अदालतों में लंबित मामलों के संबंध में संदेश, टिप्पणियां, लेख आदि डाले जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, यूं तो हमारे कंधे किसी भी आलोचना या जिम्मेदारी को सहने के लिहाज से काफी चौड़े हैं, लेकिन अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी के अधिकार की आड़ में अदालत में लंबित मामलों के संदर्भ में टिप्पणियां या पोस्ट डाले जाने पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है जिनमें अदालतों के अधिकार क्षेत्र को कमजोर करने की या न्याय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने की प्रवृत्ति होती है.

पीठ ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के विधायक को अवमानना नोटिस जारी किया. इस मामले में अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.

VIRAL: डिजिटल इंडिया से इंस्पायर इस बंदे ने टी-शर्ट पर प्रिंट कराया Qr Code, स्कैन करने पर लोगों के उड़े होश

Exit mobile version