Tariff Hike: भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार ऑपरेटर रिलायंस जियो ने पूरे वित्तीय वर्ष में ARPU (प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व) के आंकड़े में सिर्फ 1.2 रुपये की बढ़ोतरी देखी. दूरसंचार ऑपरेटर को ARPU में बढ़ोतरी की सख्त जरूरत है. यही वजह है कि उसने प्रीपेड प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी की है.
भारती एयरटेल ARPU विभाग में जियो से काफी आगे
हालांकि जियो अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में बहुत अधिक पैसा बनाने में सक्षम रहा है, लेकिन यह केवल उस पैमाने की वजह से संभव हुआ है जिस पर कंपनी काम कर रही है. इसकी तुलना में, भारती एयरटेल ARPU विभाग में जियो से काफी आगे है. ऐसा दो कारणों से है. पहला यह कि एयरटेल प्रीमियम ग्राहकों पर ध्यान केंद्रित करता है और दूसरा यह कि एयरटेल ग्राहकों को पोस्टपेड कनेक्शन के साथ अधिक बंडल सेवाएं बेचने की कोशिश करता है.
पिछली तिमाहियों में ARPU में कोई वृद्धि नहीं दे
ध्यान देने वाली बात है कि जियो के पिछली तिमाहियों में ARPU में कोई वृद्धि नहीं देखने को मिली है. यही कारण है कि यह कीमतों में बढ़ोतरी करने वाली पहली कंपनी थी. हालांकि, यह नहीं भूलना चाहिए कि कीमतों में बढ़ोतरी का असर तुरंत दिखाई नहीं देगा. दूरसंचार ऑपरेटरों को ARPU स्तरों पर टैरिफ बढ़ोतरी का असर देखने में कम से कम 2 से 3 तिमाहियां लगेंगी.
एयरटेल और जियो के ARPU में बढ़त की उम्मीद
एयरटेल के लिए ARPU इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 240 या 250 रुपये के करीब पहुंचने की उम्मीद है, जबकि जियो के लिए यह 230 रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. जियो एआरपीयू में एयरटेल से प्रतिस्पर्धा नहीं करना चाहता है. टेलीकॉम का ज्यादा ध्यान ज्यादा ग्राहकों को किफायती कीमत पर सेवाएं देने पर है.
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