TRAI ने हाई-स्पीड डेटा के लिए की 700MHz सहित पूर्ण स्पेक्ट्रम नीलामी की सिफारिश
TRAI Spectrum Auction : 700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी का भारती एयरटेल लिमिटेड और आइडिया सेल्युलर लिमिटेड सहित टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने विरोध किया है.
TRAI Spectrum Auction : भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने सरकार को 6 ट्रिलियन डॉलर मूल्य के एयरवेव्स की नीलामी का सुझाव दिया है, जो पिछली नीलामी में बेचे गए स्पेक्ट्रम के मूल्य से पांच गुना अधिक है. यह एक ऐसा कदम है, जिसे अगर स्वीकार कर लिया जाता है, तो पहले से ही अत्यधिक दबाव झेल रही दूरसंचार ऑपरेटर कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर बोझ बढ़ सकता है.
हाई-स्पीड डेटा सेवाओं के लिए अधिक कुशल
ट्राई ने नीलामी में 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज और 2,500 मेगाहर्ट्ज बैंड में सरकारी नीलामी स्पेक्ट्रम का भी सुझाव दिया है, जो भारत में रेडियो तरंगों की अब तक की सबसे बड़ी बिक्री होगी. इसमें पहली बार 700-मेगाहर्ट्ज बैंड में एयरवेव्स शामिल हैं, जिन्हें हाई-स्पीड डेटा सेवाओं के लिए अधिक कुशल माना जाता है.
टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने किया विरोध
700 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी का भारती एयरटेल लिमिटेड और आइडिया सेल्युलर लिमिटेड सहित टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने विरोध किया है. इन कंपनियों का कहना है कि जब तक कि एयरवेव्स का उपयोग करके काम करने वाले उपकरण उपलब्ध नहीं हो जाते, तब तक इस बैंडविड्थ की नीलामी नहीं की जानी चाहिए.
कंपनियों का लाभ हुआ प्रभावित
बताते चलें कि दूरसंचार उद्योग 4जी डेटा सेवाएं शुरू करने और उससे पहले 2015 की नीलामी में स्पेक्ट्रम हासिल करने में अरबों डॉलर खर्च कर रहा है और इस वजह से भारी कर्ज और तीव्र प्रतिस्पर्धा से जूझ रहा है. इससे कंपनियों का लाभ भी प्रभावित हुआ है.
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टेलीकॉम कंपनियों पर दबाव
जानकारों की मानें, तो ऑपरेटरों की स्पेक्ट्रम के लिए भुगतान करने की क्षमता बाधित होगी क्योंकि वॉयस और डेटा के लिए वास्तविक दर नहीं बढ़ रही है. वास्तव में, इसमें पिछली कुछ तिमाहियों से गिरावट आ रही है और बैलेंस शीट पहले से ही काफी बढ़ी हुई है.
हालात और भी हो सकते हैं खराब
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की दूरसंचार इकाई, रिलायंस जियो इन्फोकॉम लिमिटेड द्वारा इस साल के अंत में सेवाएं शुरू करने के बाद हालात और भी खराब हो सकते हैं, जिससे प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी. फिर भी, अधिकांश ऑपरेटरों को अधिक कुशल 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगाने के लिए मजबूर किया जा सकता है. ट्राई का कहना है, ऑपरेटर 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड की तुलना में लगभग 70% कम लागत पर मोबाइल सेवाएं प्रदान कर सकते हैं.