रतन टाटा की वसीयत में शांतनु नायडू के हिस्से क्या आया? गैजेट के शौकीन मिलेनियल और मिलियनेयर को साथ लायी थी खास तकनीक
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: रतन टाटा ने तकनीक की डोर से जुड़े अपने खास दोस्त शांतनु नायडू को लेकर वसीयत में खास प्रावधान किया है.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: रतन टाटा के बाद टाटा ग्रुप को अपना उत्तराधिकारी मिल गया है. अब यह चर्चा का विषय है कि रतन टाटा की लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी में किसके हिस्से क्या आयेगा? क्या उनके आखिरी दिनों तक सहायक रहे युवा टेक इनोवेटर शांतनु नायडू को भी कुछ मिलेगा? इधर टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट आयी है कि रतन टाटा की वसीयत में उनके कई खास लोगों के नाम हैं. वसीयत में रतन टाटा ने अपने सबसे छोटे दोस्त शांतनु नायडू को खास प्रावधान किया है.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: रतन टाटा ने शांतनु नायडू के लिए खास प्रावधान
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रतन टाटा ने अपने कार्यकारी सहायक और उनके विश्वासपात्र रहे शांतनु नायडू को भी वसीयत का हिस्सा बनाया है. रिपोर्ट की मानें, तो टाटा से नायडू ने अपनी शिक्षा के लिए जो पर्सनल लोन लिया था, वह माफ कर दिया गया है और नायडू के गुडफेलो सहित सभी कारोबार, जिनमें टाटा की हिस्सेदारी थी, वह वसीयत के मुताबिक छोड़ दी गई है.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: टेक इनोवेटर शांतनु नायडू ने रतन टाटा को किया प्रभावित
शांतनु नायडू एक टेक इनोवेटर, युवा उद्यमी और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. जिन्हें रतन टाटा ने अपना सहायक और दोस्त बनाया. कॉर्नेल यूनिवर्सिटी (अमेरिका) से एमबीए की डिग्री प्राप्त कर चुके शांतनु ने Motopaws नाम के एक स्टार्टअप की शुरुआत की है, जो सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर डिवाइस बनाता है, ताकि सड़क हादसों से उन्हें बचाया जा सके. उनकी यह सामाजिक पहल ने रतन टाटा को प्रभावित किया और उन्होंने शांतनु को अपने साथ काम करने का मौका दिया. और जल्द ही शांतनु उनके करीबी सहयोगी बन गए. शांतनु ने रतन टाटा के मार्गदर्शन में सामाजिक हित में कई नयी पहल और प्रोजेक्ट्स पर काम किया.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: करीबी पारिवारिक सदस्यों के लिए भी कुछ-कुछ
शांतनु नायडू के अलावा, रतन टाटा ने अपने भाई जिमी टाटा और सौतेली बहनें- शिरीन और डायना जेजीभॉय सहित करीबी पारिवारिक सदस्यों के लिए भी प्रावधान किये गए हैं. इसमें टाटा के विश्वसपात्र घरेलू कर्मचारी, उनके रसोइये राजन शा और बटलर सुब्बईया भी शामिल हैं, जिन्होंने दशकों तक उनकी सेवा की है. रतन टाटा ने 5-6 साल पहले गोद लिये गए अपने पालतू कुत्ते जर्मन शेफर्ड टीटो की पूरी जिंदगी देखभाल भी सुनिश्चित की है.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: रतन टाटा की वसीयत पर अमल कौन करेगा?
टाटा के रत्न की वसीयत पर अमल कौन करेगा? इसकी जिम्मेदारी उन्होंने सौतेली बहनों- शिरीन और डायना जेजीभॉय के साथ वकील दारायस खंबाटा और अपने नजदीकी दोस्त मेहली मिस्त्री को दिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा की वसीयत की सारी बातें सार्वजनिक नहीं की गई हैं, लेकिन इतना जरूर है कि उनकी प्रॉपर्टी का एक बड़ा हिस्सा रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन चैरिटी को मिलेगा.
Ratan Tata Rs 10000 Crore Will: रतन टाटा की संपत्ति कितनी?
अगस्त महीने में हुरुन इंडिया रिच की जारी लिस्ट के अनुसार, रतन टाटा के पास टाटा संस में लगभग 0.83% हिस्सेदारी थी और उनकी पूरी संपत्ति 7,900 करोड़ रुपये थी. वहीं, अन्य संपत्ति मिलाकर उनके नाम अनुमानित कुल 10,000 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी थी. रतन टाटा की संपत्ति का सबसे प्रमुख हिस्सा, ग्रुप की कंपनियों में उनकी हिस्सेदारी है. इसके अलावा, उनके पास बंगला, कार और अन्य प्रॉपर्टीज भी हैं, जिनका उनकी वसीयत में जिक्र है.
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