iPhone का लॉकडाउन मोड क्या है? कैसे बचाता है यह साइबर हमलों से?

Apple Lockdown Mode : साइबर अटैक्स से अपने यूजर्स को बचाने के लिए ऐपल कई फीचर्स ऑफर करती है. यूजर्स को सुरक्षित रखने के लिए कंपनी ने कई तरह के सिक्योरिटी फीचर्स जोड़े हैं. ऐसा ही एक फीचर लॉकडाउन मोड है.

By Rajeev Kumar | April 16, 2024 5:01 PM

Apple Lockdown Mode : दुनिया की टॉप टेक कंपनियों में शुमार ऐपल ने अभी कुछ ही दिनों पहले भारत सहित लगभग 100 देशों में आइफोन यूजर्स के लिए स्पाइवेयर खतरे का अलर्ट जारी किया था. कंपनी ने इसमें बताया कि इस समय स्पाईवेयर के जरिये कई यूजर्स को टारगेट किया जा रहा है.

iPhone का लॉकडाउन मोड क्या है?

ऐपल के डिवाइस में पहले से मौजूद एक ऐसे फीचर के बारे में हम आपको बताते हैं, जो स्पाईवेयर और इसके जैसे अन्य खतरों से बचाता है. कंपनी ने यूजर्स को स्पाइवेयर जैसे हमलों से बचाने के लिए 2022 में लॉकडाउन मोड लॉन्च किया. ऐपल इस मोड को एक इमरजेंसी बटन मानती है, जो आईफोन यूजर्स के लिए बड़े काम का साबित हो सकता है. कंपनी इस मोड को उन लोगों के लिए लास्ट ऑप्शन मानती है, जो स्पाइवेयर के निशाने पर आ सकते हैं. लॉकडाउन मोड को यूजर्स मैन्युअली एक्टिवेट कर सकते हैं.

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iPhone पर लॉकडाउन मोड कैसे एक्टिवेट करें?

सबसे पहले आपको अपने आईफोन पर सेटिंग्स में जाना है. प्राइवेसी और सिक्योरिटी के लिए नीचे स्क्रॉल करना है. यहां आपको पेज के नीचे लॉकडाउन मोड दिखेगा. अब आपको इस मोड पर टैप करना है. आपके सामने एक और डायलॉग बॉक्स दिखाई देगा, जो आपको इस मोड और इसके इस्तेमाल के बारे में जानकारी देगा. टर्न ऑन लॉकडाउन मोड पर क्लिक करने के बाद यह मोड ऑन हो जाएगा.

बंद हो जाएंगे ये सभी फीचर्स

आइफोन में लॉकडाउन मोड ऑन करते ही, यह उन सभी फीचर्स को बंद कर देता है जिनका फायदा हैकर्स उठा सकते हैं. इसके अलावा, मैसेज ऐप के जरिये मिलनेवाले अटैचमेंट फाइल्स अपने आप ब्लॉक हो जाते हैं, लेकिन फोटो नहीं ब्लॉक होगी. यह मोड ऑन होने पर ऐपल लिंक प्रीव्यू ऑप्शन को भी ब्लॉक कर देता है.

लॉकडाउन मोड एक बार एनेबल हो जाने के बाद आईफोन उस तरह काम नहीं करता, जैसा वह आमतौर पर करता है. हमले के खतरे को कम करने के लिए कुछ ऐप्स, वेबसाइट और फीचर्स पर सिक्योरिटी के लिए कुछ बंदिश लगा दी जाती है. उदाहरण के लिए, वेब ब्राउजिंग के दौरान, कुछ कॉम्प्लेक्स वेब टेक्नीक को प्रीव्यू कर दिया जाता है, जिस वजह से कुछ वेबसाइट्स ज्यादा स्लो स्पीड से लोड हो सकती हैं या ठीक से काम नहीं भी कर सकती हैं.

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