Ola Maps: टेक्नोलॉजी में रोज नए – नए इनोवेशन्स हो रहे हैं इसी बीच अब बीते 5 जुलाई 2024 को ओला ने गूगल मैप्स और माइक्रोसॉफ्ट एज्योर को पूरी तरह से हटाकर एक बड़ा कदम उठाया है. इसके बजाय, वे अब अपने खुद के इन-हाउस विकसित ओला मैप्स का उपयोग कर रहे हैं. रिपोर्ट से पता चलता है कि इस बड़े बदलाव से कंपनी को हर साल 100 करोड़ रुपये की भारी बचत होगी.
ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ( पुराना नाम ट्विटर ) पर घोषणा कर की है कि कंपनी गूगल मैप्स पर सालाना 100 करोड़ रुपये खर्च करती थी. इस महीने, उन्होंने ओला मैप्स पर स्विच करके उस लागत को शून्य कर दिया है. गूगल मैप्स से दूर जाने का यह कदम माइक्रोसॉफ्ट एज्योर से हाल ही में बाहर निकलने के बाद उठाया गया है.
भाविश अग्रवाल ने ट्वीट कर लिखा, “पिछले महीने Azure से बाहर निकलने के बाद, अब हम पूरी तरह से Google मैप्स से बाहर आ गए हैं. हम सालाना 100 करोड़ रुपये खर्च करते थे, लेकिन हमने इस महीने पूरी तरह से अपने इन-हाउस ओला मैप्स पर जाकर उसे 0 कर दिया है! अपने ओला ऐप को चेक करें और जरूरत पड़ने पर अपडेट करें. इसके अलावा, @Krutrim क्लाउड पर ओला मैप्स API उपलब्ध है! जल्द ही कई और फीचर्स आने वाली हैं – स्ट्रीट व्यू, NERFs, इनडोर इमेज, 3D मैप्स, ड्रोन मैप्स आदि!”
ओला मैप्स एपीआई पहले से ही क्रुट्रिम क्लाउड पर उपलब्ध है, जिसका मतलब है कि डेवलपर्स इसे अपने ऐप में इस्तेमाल करना शुरू कर सकते हैं. इससे यूजर्स को बेहतर और अधिक विस्तृत मैप मिलेंगे, जिससे उनका समग्र अनुभव और बेहतर होगा.
ओला ने अपने नक्शे कैसे बनाए, इस बारे में उत्सुक लोगों के लिए अग्रवाल ने कहा कि वे इस सप्ताहांत एक विस्तृत ब्लॉग पोस्ट प्रकाशित करेंगे. यह ब्लॉग बताएगा कि ओला मैप्स के कौन से हिस्से इन-हाउस बनाए गए और कौन से हिस्से ओपन-सोर्स संसाधनों से लिए गए.
ओला का गूगल मैप्स और एज्योर से अपने खुद के ओला मैप्स पर स्विच करना एक महत्वपूर्ण कदम है. अपनी खुद की तकनीक विकसित करके, ओला न केवल बहुत सारा पैसा बचा रहा है, बल्कि इनोवेशन में अपनी ताकत भी दिखा रहा है. यूजर्स भविष्य में ओला की सेवाओं के साथ बेहतर और अधिक सहज अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं.
WhatsApp Live Location को कीजिए बाय-बाय, आ गया Google Plus Codes का जमाना