Zepto Success Story: 19 साल के दो लड़के का आइडिया हुआ हिट, बना दी करोड़ों की कंपनी, DMart के लिए बढ़ी चुनौती
Zepto Success Story: जेप्टो कंपनी के यंग सीईओ ने दावा किया है कि जिस रफ्तार से जेप्टो आगे बढ़ रही है, अगले 24 महीनों में डीमार्ट को पीछे छोड़ देंगे. जेप्टो को इस मुकाम तक लाने में 19 साल के दो दोस्तों ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. ऐसे में आज हम इस लेख में 10 मिनट वाले आइडिया से हिट हुई ऑनलाइन यूनिकॉर्न के बारे में विस्तार से जानेंगे...
Zepto Success Story: कोरोना काल में सभी चीजें ऑनलाइन शिफ्ट हो गई थी. इसके साथ ही कई सारे ऐसे ऑनलाइन शुरू हुए थे जो मौजूदा समय में प्रॉफिट मेकिंग कंपनी के लिस्ट में शामिल हो चुके हैं. इसी में से एक कोरोना काल में शुरू हुई ऑनलाइन ग्रॉसरी डिलीवरी कंपनी जेप्टो है. इन दिनों जेप्टो इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसा इसलिए, क्योंकि जेप्टो कंपनी के सीईओ और को-फाउंडर आदित पलिचा ने दावा किया है कि उनकी कंपनी अगले 18-24 महीने में डीमार्ट को पीछे छोड़ देगी.
Zepto 18-24 महीनों में डीमार्ट से होगा आगे
दरअसल, आदित्य पलिचा के अनुसार डीमार्ट 30 अरब डॉलर की कंपनी है और सेल्स के मामले में जेप्टो से 4.5 गुना अधिक है, लेकिन हमारा प्रदर्शन अच्छा है और अगर ये प्रदर्शन जारी रहा तो हमारी सेल्स हर साल 2-3 गुना बढ़ती रहेगी और इस स्पीड से हम अगले 18-24 महीनों में डीमार्ट से आगे निकल जाएंगे.
हाल ही में कंपनी ने 3.6 अरब डॉलर यानी करीब 30,064 रुपये करोड़ रुपये के वैल्यूएशन पर 665 मिलियन डॉलर यानी 5,553 करोड़ रुपए फंड जुटाया है. कंपनी की इस रफ्तार और बिजनेस आइडिया के पीछे बिजनेस के किसी मंझे हुए खिलाड़ी नहीं बल्कि 22-23 साल के दो दोस्तों का हाथ है.
19 साल के दो लड़को का कमाल…
जिस उम्र में बच्चे पॉकेट मनी पर अपनी जरूरतों और ख्वाहिशों को पूरा करने की जद्दोजहद में लगे रहते हैं, उस उम्र में 19 साल के कैवल्य वोहरा और आदित पालिचा ने अपनी कंपनी खड़ी कर दी और सिर्फ दो सालों के अंदर ही स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बना दिया. ध्यान देने वाली बात यह है कि कोरोना काल में जब लोगों के कारोबार डूबने लगे, जेप्टो के पंख से लग गए. क्योंकि, यह एक 10 मिनट में ऑनलाइन ग्रोसरी पहुचाने वाली स्टार्टअप थी. कोरोना काल में रासन साभी को घर पर ही मंगवाने थे और जेप्टे इसी आपदा को अवसर में बदल दिया.
बचपन से कॉलेज तक का सफर
कैवल्य वोहरा और आदित पालीचा की दोस्ती बचपन से ही हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक दोनों एक साथ रहे. हायर स्टडी के पढ़ाई करने के लिए दोनों अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी तो गए, लेकिन पढ़ाई में दोनों दोस्तों का मन लगा ही नहीं. फिर क्या था, दोनों दोस्तों ने एक स्टार्टअप करने का प्लान बना लिया, दोनों के बीच एंटरप्रेन्योर बनने का कीड़ा जो काट रखा था. पढ़ाई के दौरान वे दोनों दोस्त छोटा-मोटा अपना काम शुरू किए, लेकिन काम चला नहीं. फिर दोनों ने बीच में ही पढ़ाई छोड़कर वतन वापसी कर ली.
कॉलेज से स्टार्टअप तक का सफर भी कमाल
कॉलेज छोड़कर दोनों मुंबई पहुंचे फिर ऑनलाइन फूड ऐप से खाना ऑर्डर किया, सिर्फ 10 मिनट में उनके पास ऑर्डर पहुंच गया. यहीं से उन्हें जेप्टो का आइडिया मिल गया. उन्होंने सोचा, जब 10 मिनट में खाना पहुंच सकता है तो ग्रॉसरी क्यों नहीं? फिर क्या था, दोनों ने साल 2021 में 1000 कर्मचारियों और डिलीवरी एजेंट्स के साथ Zepto की शुरुआत कर दी. कोरोना काल में जहां कंपनियां बंद हो रही थी, उन्हें भारी नुकसान हो रहा था, जेप्टो पहले ही साल में 7,300 करोड़ की कंपनी बन गई.
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