शंखनाद के साथ ब्रिगेड परेड मैदान में गूंजे गीता के श्लोक, 1.37 लाख लोगों ने एक साथ किया गीता पाठ
कोलकाता महानगर के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में गीता जयंती के अवसर पर रविवार को सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया. मौके पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती सहित हजारों की संख्या में साधु-संत भी मौजूद रहे. एक लाख से अधिक लोगों ने सामूहिक रूप से श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया.
कोलकाता महानगर के ऐतिहासिक ब्रिगेड परेड मैदान में गीता जयंती के अवसर पर रविवार को सामूहिक गीता पाठ का आयोजन किया गया. मौके पर द्वारका पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती सहित हजारों की संख्या में साधु-संत भी मौजूद रहे. एक लाख से अधिक लोगों ने सामूहिक रूप से श्रीमद्भागवत गीता का पाठ किया.
सभी आयु वर्ग के लोग पारंपरिक परिधान में ब्रिगेड मैदान पहुंचे और संतों के साथ गीता का पाठ किया. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आ पाये. कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10 बजे से संस्कार भारती भजन के साथ हुआ. 10:30 बजे शोभायात्रा निकाली गयी. 11:05 बजे आरती हुई. 11:15 से 11:30 बजे तक वेद पाठ हुआ.
इसके बाद शंकराचार्य का वरण किया गया. उन्होंने स्वागत भाषण दिया. दोपहर 12:10 बजे से शंखनाद के साथ सामूहिक गीता पाठ शुरू हुआ. आयोजकों ने बताया कि गीता पाठ की शुरुआत और अंत में बंगाल के प्रसिद्ध कवि नजरुल इस्लाम का प्रसिद्ध गीत गाया गया.
कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन किया था. आयोजकों का दावा है कि एक लाख 37 हजार लोगों ने एक साथ गीता पाठ किया. कार्यक्रम में दक्षिण बंगाल, कोलकाता और आसपास के जिलों से लोग पहुंचे थे.
मौके पर केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार, बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, भाजपा सांसद दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार सहित अन्य भाजपा नेता मौजूद रहे. यह आयोजन भारत सेवाश्रम संघ, अखिल भारतीय संस्कृत परिषद, मोतीलाल भारत तीर्थ सेवा मिशन एवं सनातन संस्कृति मंच के नेतृत्व में किया गया था.
कार्यक्रम में 1500 आश्रमों के साधु-संत आये. करीब 70 हजार लोग शंख लेकर पहुंचे थे. पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी का प्रावधान रखा गया था. पांच अध्याय में गीता पाठ हुआ. मूल रूप से दो मंडप तैयार किये गये थे.
कार्यक्रम में भारत सेवाश्रम संघ के ट्रस्टी स्वामी प्रदीप्तानंद महाराज, आयोजक समिति के उपाध्यक्ष निर्गुणानंद ब्रह्मचारी महाराज, आयोजन समिति के महासचिव बसंत सेठिया आदि मौजूद थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल सीवी आनंद बोस को भी कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए.
कार्यक्रम में पांच-पांच हजार लोगों के 20 ब्लॉक बनाये गये थे. मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता दुनिया को भारत का सबसे बड़ा उपहार है. जो लोग इस कार्यक्रम का मजाक उड़ा रहे हैं, उनके मन में हिंदू धर्म और इसकी परंपराओं के प्रति किसी तरह का सम्मान नहीं है. जो हिंदुओं को विभाजित करने का प्रयास कर रहे हैं, वे इसमें कभी सफल नहीं हो पायेंगे. यह एक सांस्कृतिक कार्यक्रम है. इसका राजनीतिक से कोई संबंध नहीं है. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कई बड़े नेता भी शामिल हुए.