Loading election data...

Jharkhand News: मलेशिया में फंसे 10 मजदूर लौट रहे झारखंड, 20 मजदूरों की वतन वापसी का अब भी इंतजार

Jharkhand News: मलेशिया में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र व राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. सरकार ने इस मामले में संज्ञान लिया. इसके बाद इन्हें वापस लाया जा रहा है. आज 10 मजदूर झारखंड लौट रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2022 1:27 PM

Jharkhand News: करीब छह माह से मलेशिया में फंसे झारखंड के 30 मजदूरों में से 10 मजदूरों का पहला जत्था आज मंगलवार को वतन लौट रहा है. शेष 20 मजदूरों को टिकट नहीं मिल पाया. इस कारण वे नहीं आ सके हैं. 10 मजदूर वतन वापसी के लिए मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर से सोमवार की देर शाम को ही उड़ान भर चुके थे. आज सुबह ये सभी चेन्नई पहुंचे और इसके बाद ये झारखंड पहुंचेंगे. आपको बता दें कि मलेशिया में फंसे मजदूरों ने सोशल मीडिया के जरिए केंद्र व राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. सरकार ने संज्ञान लिया. इसके बाद इन्हें वापस लाया जा रहा है.

ये 10 मजदूर लौट रहे झारखंड

मलेशिया से लौटने वालों में बगोदर, डुमरी व नावाडीह के मजदूर शामिल हैं. इनमें खेतको के विनोद कुमार, बासुदेव महतो, बुधन महतो, रामेश्वर महतो शामिल हैं, वहीं डुमरी के घूटबाली के विनोद महतो, सेवाटांड़ के देवानंद महतो, नावाडीह महुवाटांड़ के झरी कुमार, तिसकोपी के प्रेमलाल महतो, दशरथ महतो, बिष्णुगढ़ चानो के भुनेश्वर महतो शामिल हैं. आपको बता दें कि सभी मजदूरों ने ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के लिए पिछले साल मलेशिया गये थे, जहां मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं किया जा रहा था और बीजा पासपोर्ट कंपनी द्वारा रख लिया गया था. इसके बाद मजदूरों ने सोशल मीडिया के माध्यम से वतन लौटने की गुहार भारत सरकार और राज्य सरकार से लगायी थी. इसे लेकर सरकार के द्वारा संज्ञान लिया गया था और मजदूरों का लौटना सुनिश्चित हो पाया.

Also Read: Jharkhand Breaking News LIVE: झारखंड पंचायत चुनाव रद्द करने की मांग, टानाभगतों ने लातेहार DC ऑफिस घेरा

रोजगार की व्यवस्था हो

इस बाबत प्रवासी मजदूरों के हित में काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने बताया कि यह इलाके की कोई पहली घटना नहीं है, जिसमें काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, लेकिन उन्हें कई यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. इसके बाद वे काफी मशक्कत के बाद अपने वतन लौट पाते हैं. इन सबके बीच आज भी पलायन का दर्द और रोजी-रोटी की चिंता देखने को मिलती है. झारखंड में रोजगार की व्यवस्था नहीं होगी, तब तक मजदूरों का पलायन देश-विदेश में होता रहेगा.

Also Read: झारखंड कैबिनेट की बैठक आज, होल्डिंग टैक्स में वृद्धि व नयी खेल नीति समेत आ सकते हैं ये अहम प्रस्ताव

रिपोर्ट : कुमार गौरव

Next Article

Exit mobile version