संजीव झा, धनबाद : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जी तरीके से किसान बन कर पेंशन लेने वाले लगभग 10 हजार किसानों से राशि की वसूली होगी. साथ ही अब इस योजना के तहत किसानों के चयन के लिए जिला कृषि पदाधिकारी अौर संबंधित अंचलों के अंचलाधिकारी जिम्मेदार होंगे.
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प्रभात खबर में 21 सितंबर को प्रकाशित खबर पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत पेंशन के लिए फर्जीवाड़ा संबंधी खबर के बाद उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने एक पत्र जारी कर कई निर्देश दिये हैं. पत्र में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में किसान सम्मान निधि के तहत 75 हजार किसानों ने निबंधन कराया था, लेकिन वित्तीय वर्ष 2020-21 में अब तक 1,03,138 किसानों ने निबंधन के लिए आवेदन दिया है.
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अब कृषि विभाग जांच करेगा कि किसान खेती कर रहे हैं या नहीं
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अंचलाधिकारी के सत्यापन से ही स्वीकृत होगा पेंशन
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उपायुक्त बाेले,किसी भी सूरत में फर्जीवाड़ा बर्दाश्त नहीं
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यह पुराने 75 हजार किसानों के अतिरिक्त है. इतनी बड़ी संख्या में नये किसानों का आवेदन आना चिंतनीय है, क्योंकि इन आवेदनों में से 70,839 को निरस्त किया जा चुका है. ऐसे आवेदकों ने आवेदन स्वीकृत कराने के लिए गलत प्रमाण पत्र, एक ही खाता का गलत तरीके से इस्तेमाल करने की कोशिश की. इस मामले में तथाकथित बिचौलिया एवं कतिपय कर्मियों की संलिप्ता से इनकार नहीं किया जा सकता.
रोज आ रहे हैं आवेदन : धनबाद जिला में पीएम किसान सम्मान योजना के तहत रोज कुछ न कुछ आवेदन आ रहा है. 28 सितंबर तक कुल 1,04,205 आवेदन आ चुके थे. इन आवेदनों की जांच अब एक टीम द्वारा की जा रही है. टीम में सभी प्रखंडों के कृषि पदाधिकारी, कृषि मित्र, जनसेवक, प्रखंड कृषि प्रबंधक (बीटीएम) तथा सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) को शामिल किया गया है.
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टीम ऑनलाइन आवेदनों का भौतिक सत्यापन कर रही है. साथ ही वंशावली का सत्यापन संबंधित पंचायत के मुखिया से करायी जा रही है. सत्यापित प्रति की जांच संबंधित अंचलाधिकारी करेंगे और किसान होने का प्रमाण जिला कृषि विभाग देगा.
पेंशन नहीं मिल रहा है तो अंचल में करें शिकायत – डीसी : उपायुक्त उमाशंकर सिंह ने कहा कि अगर किसी किसान को सही मायने में पीएम किसान सम्मान योजना में पेंशन नहीं मिल रहा है, तो संबंधित अंचल में शिकायत करें. उन्हाेंने कहा : किसी भी सूरत में असली किसानों को इस योजना से वंचित नहीं रहने दिया जायेगा. साथ ही फर्जीवाड़ा कर पेंशन लेनेवालों को छोड़ा भी नहीं जायेगा. इसको लेकर जिला कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग को कड़े निर्देश दिये गये हैं. तकनीकी टीम भी मामले पर गहराई से नजर रखे हुए है.
फर्जी लाभुकों को चिह्नित करें : उपायुक्त ने जिला कृषि पदाधिकारी एवं सभी अंचलाधिकारी को पत्र भेज कर फर्जी तरीका से किसान बन कर पेंशन लेने वालों को चिह्नित करने को कहा है. ताकि उनसे राशि की वसूली हो सके. धनबाद जिला में लगभग 10 हजार ऐसे लाभुकों का चयन किया गया है. इन्होंने गलत तरीके से पिछले वर्ष पेंशन लिया है.
इन सबके खातों की जांच हो रही है. साथ ही जिला कृषि पदाधिकारी को कहा गया है कि कृषि विभाग यह तय करेगा कि आवेदक सच में खेती-बाड़ी करते हैं या नहीं. उसके बाद संबंधित अंचल के अंचलाधिकारी जमीन के रिकॉर्ड की जांच कर सत्यापित करेंगे. इसके बाद ही पेंशन स्वीकृत होगी.
Post by : pritish sahay