चाईबासा : झाखंड के कोल्हान प्रमंडल में करीब 100 नक्सलियों ने 7 घंटे तक तांडव मचाया. कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा से करीब 12 किलोमीटर दूर पश्चिमी सिंहभूम जिला के मुफ्फसिल थाना अंतर्गत सैतवा वन प्रक्षेत्र के बरकेला स्थित कार्यालय, चेक नाका व आवासीय परिसरों को विस्फोट करके उड़ा दिया. माओवादियों ने शनिवार की देर रात को कई वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया.
बताया गया है कि माओवादियों ने वन विभाग के रेंज कार्यालय, गेस्ट हाउस व वनरक्षियों के लिए बने आवास सहित कुल 13 भवनों को बम से उड़ा दिया. साथ ही वहां रखे दर्जन भर वाहनों को फूंक दिया. इनमें दो पहिया वाहन भी शामिल हैं. इस तरह वन विभाग की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. नक्सलियों ने एक महिला वनकर्मी की जमकर पिटाई भी कर दी.
सैतवा वन परिक्षेत्र के भवनों को उड़ाने से पहले माओवादियों ने परिसर में रहने वाले सभी वनकर्मियों की मोबाइल छीन ली. विरोध करने पर एक महिला फॉरेस्ट गार्ड की जमकर पिटाई कर दी. 11 वनरक्षी सहित वहां रह रहे करीब 40 लोगों को बंधक बना लिया. साथ ही वन परिसर के भवनों को हथियार के बल पर खाली कराया लिया.
Also Read: Coronavirus in Jharkhand LIVE Update : देवघर आने वाले हर शख्स को करानी होगी कोरोना की जांच, झारखंड में 24 घंटे में कोरोना से 6 लोगों की मौतसूत्रों के अनुसार, 100 से ज्यादा माओवादियों ने वन परिसर को चारों ओर से घेर लिया था. सभी माओवादी वर्दी पहने हुए थे व अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे. वन परिसर को पूरी तरह खाली कराने के बाद माओवादियों ने पहले कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की. फिर आधी रात के बाद वन परिसर के भवनों को एक के बाद एक बम से उड़ा दिया.
सूत्रों की मानें, तो रात करीब 10 बजे उक्त मार्ग से होकर घर जा रहे एक बाइक सवार को माओवादियों ने रोकने का प्रयास किया. लेकिन, बाइक सवार नशे में था, इसलिए रुका नहीं. वह माओवादियों से बहस करने लगा. इस पर माओवादियों ने उसकी बाइक को सड़क ही जला डाला. बाइक चालक ने वहां से किसी तरह भागकर जान बचायी.
घटना को अंजाम देने के बाद सुबह 4 बजे के बाद माओवादियों ने कई पोस्टर भी वहां चिपका दिये. माओवादियों ने पोस्टर चिपकाकर कहा है कि जंगल क्षेत्र में जनता को बेदखल कर स्थापित किये गये फॉरेस्ट रेंज ऑफिस को हटाया जाये. जंगल में जनता का अधिकार है. फॉरेस्ट विभाग यहां से चला जाये. जल जंगल और पहाड़ पर जनता का अधिकार है. वहीं, घटना के 4 घंटे बाद भी सुरक्षा बलों के नहीं पहुंचने से वन विभाग के कर्मी काफी भयभीत हैं. प्रशासन पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
नक्सलियों की पिटाई से गंभीर रूप से घायल सैतबा सब-बीट की 30 वर्षीय महिला फॉरेस्ट गार्ड पिंची बुड़ीउली (30) गंभीर रूप से घायल हो गयी हैं. उनके दाहिने कान और सिर में चोटें आयी हैं. रविवार सुबह घायलावस्था में उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पिंची ने बताया कि शनिवार की रात करीब 10 बजे सभी फॉरेस्ट पदाधिकारी, गार्ड व कर्मी अपने-अपने क्वार्टर में थे. अचानक 100 से अधिक हथियारबंद भाकपा माओवादी संगठन के लोग आये और सबको क्वार्टर से बाहर निकाला गया.
Also Read: अमिताभ बच्चन के कोरोना पॉजिटिव होने से झारखंड के मुख्यमंत्री चिंतित, ट्विटर पर की यह अपीलइसके बाद सभी को बंधक बनाकर बरकेला स्थित पंचायत भवन के पास मैदान में ले गये. वहां रात 10 बजे से भोर 4 बजे तक बंधक बनाकर रखा. सभी लोगों को चुपचाप रहने को कहा. हल्ला करने पर गोली मारने की धमकी दी गयी. सभी लोग डरकर चुपचाप बैठ गये. रात भर वहीं बैठे रहे. बंधक बनाये गये लोगों में छोटे-छोटे बच्चे भी थे.
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने उनके साथ मारपीट की. पिटाई से वह कुछ देर तक बेहोश पड़ी रहीं. नक्सलियों ने रात भर जमकर उत्पात मचाया. एक के बाद एक भवन को बम से उड़ाया. बम के धमके से पूरा इलाका दहल गया. भोर चार बजे जब वे लोग जाने, तो धमकी दी कि एक घंटे तक कोई यहां से नहीं हिलेगा. दोबारा घूमकर आ रहे हैं.
इतना ही नहीं, नक्सलियों ने चेतावनी दी कि कोई इस बारे में किसी को फोन पर कुछ नहीं बतायेगा. नक्सलियों की धमकी से डरकर सुबह करीब पांच बजे तक पंचायत भवन स्थित मैदान से सभी लोग इधर-उधर चले गये. इसके बाद पिंची ने फोन करके अपने रिश्तेदारों को बुलाया. रिश्तेदार उन्हें सदर अस्पताल ले गये.
कोल्हान के डीआइजी राजीव रंजन ने कहा है कि काफी संख्या में माओवादी आये थे. अशांति फैलाना ही उनकी मंशा है. उग्रवादी संगठन जब घबरा जाते हैं, कमजोर पड़ जाते हैं, तब इस तरह का काम करते हैं. पूरा देश कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहा है. ऐसे वक्त में उग्रवादियों द्वारा इस तरह की कार्रवाई, उनकी मानसिकता को दर्शाता है.
यह बताता है कि वे विध्वंसक कार्य करने के अलावा कुछ और सोच ही नहीं सकते. बरकेला में वनरक्षियों के गेस्ट हाउस को माओवादियों द्वारा क्षतिग्रस्त किया गया है. एक कार व एक बाइक को भी नुकसान पहुंचाया गया है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर कार्रवाई करेगी.
माओवादियों ने घटना को अंजाम देने के बाद घटनास्थल पर पोस्टर चिपकाकर अपनी मौजूदगी का अहसास कराया है. बरकेला से कुछ ही दूरी पर अंजेदबेड़ा में यदा-कदा माओवादियों की आवाजाही बनी रहती है. पुलिस के साथ पहले उनकी मुठभेड़ भी हो चुकी है. नक्सलियों ने इस इलाके में पहले भी बम विस्फोट कर वन विभाग की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है.
सूत्रों के अनुसार, हाल ही में इस क्षेत्र में आइइडी ब्लास्ट होने की वजह से इनके एक लीडर की मौत हो गयी थी. उसका बदला लेने के लिए भाकपा माओवादियों ने इस तरह की घटना को अंजाम दिया है. बरकेला व कुइड़ा जैसे क्षेत्रों में नक्सली आये दिन अपनी मौजूदगी का अहसास इस तरह की घटनाओं को अंजाम देकर कराते रहते हैं.
लोगों का कहना है इस क्षेत्र में एक सुरक्षा पिकेट का होना अति आवश्यक है. लोगों का कहना है कि यदि यहां पर पुलिस और सीआरपीएफ के जवान रहेंगे, तो यह जोन पूरी तरह से सुरक्षित हो जायेगा. शहर से सटे इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की सुरक्षा पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.
Posted By : Mithilesh Jha