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गीता प्रेस के सौ साल पूरे, क्‍वालिटी और कीमत से दुनिया हैरान, आज शताब्दी समारोह का PM मोदी करेंगे समापन

गोरखपुर में अलंकृत लाल-सफेद-पीला मंदिर जैसी इमारत, जो हिंदू-हिंदी पट्टी की सांस्कृतिक शक्ति का केंद्र है, आज 100 साल पुरानी हो गयी है. हालांकि अपनी बहुप्रतिष्ठित प्रतिष्ठा वाली गीता प्रेस के लिए बड़ा दिन अभी आना बाकी है.

लखनऊ. दुनिया भर में मशहूर गीता प्रेस के 100 साल पूरे हो गए हैं. क्वालिटी और कीमन से सभी को हैरान करने वाले धार्मिक किताबों के इस केंद्र की एक शताब्दी की कहानी बेहद ही दिलचस्प है. गोरखपुर में अलंकृत लाल-सफेद-पीला मंदिर जैसी इमारत, जो हिंदू-हिंदी पट्टी की सांस्कृतिक शक्ति का केंद्र है, आज 100 साल पुरानी हो गयी. हालांकि अपनी बहुप्रतिष्ठित प्रतिष्ठा वाली गीता प्रेस के लिए बड़ा दिन अभी आना बाकी है. क्योकि इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में सबसे प्रबल संरक्षक मिल गया है. गीता प्रेस का जोर हमेशा से इस बात पर रहा है कि लोगों तक अच्छी गुणवत्ता वाली धार्मिक पुस्तकें कम से कम कीमत में पहुंचे. महंगाई के इस दौर में भी गीता प्रेस की किताबों की कम कीमत लोगों को हैरान कर देती है.

आज गोरखपुर आएंगे पीएम मोदी

सनातन संस्कृति को साहित्य के माध्यम से संरक्षित करने वाली विश्व प्रसिद्ध संस्था गीता प्रेस अपने शताब्दी वर्ष में कई अहम मुकाम हासिल किए हैं, जो धर्म ग्रंथों के प्रकाशन से लेकर, प्रमाणिकता और सिद्धांत पर यह अटल रही है. यही इसका स्वर्णिम काल बन गया. इसके शताब्दी वर्ष समारोह का आयोजन वर्ष 2022 में शुरू हुआ था. जिसका आगाज तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों से हुआ था. अब इसका समापन अवसर भी आ गया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में 7 जुलाई को होगा.

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तैयारियां पूरी

वर्ष 1923 में स्थापित गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष समारोह का औपचारिक शुभारंभ पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 4 जून 2022 को किया था. अब 7 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी के मुख्य आतिथि में गीता प्रेस के शताब्दी वर्ष का समापन समारोह होने जा रहा है. खास बात यह है कि नरेंद्र मोदी गीता प्रेस आने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री भी होंगे. गीता प्रेस में वह आर्ट पेपर पर मुद्रित श्री शिव महापुराण के विशिष्ट अंक (रंगीन, चित्रमय) का भी विमोचन करेंगे. प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रशासन के स्तर से सभी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं.

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गीता प्रेस की स्थापना 1923 में किराए के भवन हुआ था

गीता प्रेस की स्थापना 1923 में किराए के भवन में सेठ जयदयाल गोयंदका ने की थी. हनुमान प्रसाद पोद्दार के गीता प्रेस से जुड़ने और कल्याण पत्रिका का प्रकाशन शुरू होने के साथ ही इसकी ख्याति उत्तरोत्तर वैश्विक होती गई. स्थापना काल से अब तक 92 करोड़ से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन गीता प्रेस की तरफ से किया जा चुका है. गीता प्रेस की स्थापना के बाद से यहां विशिष्ट जनों आना होता रहता है. यदि सत्ता व्यवस्था के शीर्ष को देखें तो अब तक दो राष्ट्रपति यहां आ चुके हैं. 1955 में देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद यहां आए थे.

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