बंगाल में कोरोना के संक्रमण से 127 डॉक्टरों की मौत, 24 घंटे में 5 चिकित्सकों ने तोड़ा दम

पश्चिम बंगाल में कोरोना फिर कहर बरपाने लगा है. 24 घंटे में 5 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2021 3:36 PM
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर कहर बरपाने लगा है. इसकी चपेट में अब कोरोना वारियर्स भी आने लगे हैं. महज 24 घंटे में 5 डॉक्टरों की कोरोना से मौत हो गयी है. कोरोना काल में कुल 127 डॉक्टर इस संक्रामक बीमारी की भेंट चढ़ चुके हैं.

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि सूबे में अब तक कोरोना की चपेट में आकर 127 चिकित्सकों की मौत हो चुकी है. चिकित्सकों की मौत पर वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम ने गहरा शोक जताया है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक, कोलकाता के ढाकुरिया इलाके में स्थित आमरी अस्पताल (AMRI Hospital) में पैथोलॉजिस्ट सुबीर दत्ता (85) की कोरोना से मौत हो गयी.

तालतल्ला के साइंटिफिक क्लिनिकल रिसर्च लाइब्रेरी के अधिकारी रहे सुबीर दत्ता वर्ष 1990 से 1995 तक कलकत्ता विश्वविद्यालय के मेडिकल विभाग के डीन थे. 25 अप्रैल को सांस में तकलीफ की समस्या के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उसी दिन से वे वेंटीलेटर पर थे.

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दूसरी तरफ, बारासात के वरिष्ठ चिकित्सक उत्पल सेनगुप्ता की कोलकाता के अपोलो अस्पताल में कोरोना से मौत हो गयी. नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व चिकित्सक सतीश घाटा की भी कोरोना ने जान ले ली. मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व चिकित्सक संदीपन मंडल ने भी कोरोना की चपेट में आकर दम तोड़ दिया.

वर्तमान में वे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज के एसएनसीयू में मेडिकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे. ईईडीएफ अस्पताल में कोरोना संक्रमित स्त्री रोग विशेषज्ञ दिलीप चक्रवर्ती की मृत्यु हो गयी. इतने बड़े पैमाने पर डॉक्टरों की मौत से चिकित्सक बिरादरी में क्षोभ और चिंता का माहौल है.

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डॉक्टरों के बेहतर इलाज की जिम्मेदारी ले सरकार ः डॉक्टर्स फोरम

डॉक्टर्स फोरम के संयोजक डॉक्टर पुण्यब्रत गुन ने कहा कि कोरोना महामारी के इस कठिन दौर में भी चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं. कोरोना संक्रमित होने पर डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने की जरूरत है. उनके परिवारों की जिम्मेदारी भी राज्य सरकार को लेनी चाहिए.

Posted By: Mithilesh Jha

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