विश्व भारती के हॉस्टल में पंखे से लटका मिला 12वीं का छात्र, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
पुलिस का कहना है कि अभी तक छात्र की आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. उधर, मृतक के परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है.
बोलपुर : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में विश्व भारती के नॉर्थ एजुकेशन हॉस्टल में शांति निकेतन के पाठ भवन के 12वीं के एक छात्र का शव गुरुवार की सुबह पंखे से लटका हुआ पाया गया है. इससे पूरे विश्व भारती में हड़कंप मचा हुआ है. आलम यह कि विश्व भारत में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों में भय और दहशत व्याप्त है. हालांकि, इस घटना की सूचना मिलने के बाद परिजनों ने हत्या की आशंका जाहिर की है. वहीं, स्थानीय पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच में जुट गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की सुबह पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला स्थित विश्व भारती के नॉर्थ एजुकेशन हॉस्टल में शांति निकेतन पाठ भवन के 12वीं के छात्र का शव पंखे से लटका हुआ पाया गया. घटना की सूचना मिलने के बाद शांति निकेतन थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर शव को बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए बोलपुर अस्पताल भेज दिया है. मृतक छात्र की पहचान असीम दास के रूप में की गई है.
पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, गुरुवार की सुबह नॉर्थ एजुकेशन हॉस्टल के छात्रों ने वार्डन को असीम दास को पंखे से लटके होने की सूचना दी. इसके बाद शांति निकेतन पाठ भवन के अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी गई. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पीयरलेस अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बताया जाता है कि पुलिस के साथ विश्व भारती के उप-आचार्य डॉ विद्युत चक्रवर्त भी अस्पताल गए थे.
पुलिस का कहना है कि अभी तक उसे छात्र की आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल सका है. उधर, मृतक के परिजनों का आरोप है कि उसकी हत्या की गई है. पुलिस ने बताया कि मृतक असीम दास बीरभूम जिले के नानूर थाना क्षेत्र के वनग्राम गांव का निवासी था. इस घटना के बाद विश्वभारती की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अभिभावकों ने सवाल खड़ा कर दिया है.
हालांकि, इस मामले विश्व भारती प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है. वहीं, इस मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. इधर मृतक के परिजनों के हत्या के आरोपों पर पुलिस फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार किया है. पुलिस का कहना कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल सकेगा.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी