शादी में ज़रूर आना,हाउसफुल 4 से इंडस्ट्री का परिचित चेहरा बन चुकी अभिनेत्री कृति खरबंदा इन दिनों फ़िल्म 14 फेरे को लेकर सुर्खियों में हैं. वे फ़िल्म की ओटीटी प्लेटफार्म ज़ी 5 पर रिलीज से खुश हैं क्योंकि मौजूदा हालात में भी यह माध्यम उन्हें दर्शकों से जोड़ रहा है. पेश है उनसे उर्मिला कोरी की हुई खास बातचीत
14 फेरे फ़िल्म की क्या खास बात आपको लगी ?
बहुत समय से लाइट हर्टेड पारिवारिक फ़िल्म नहीं आयी थी. 14 फेरे में हमने ऋषिकेश मुखर्जी और सूरज बड़जात्या की दुनिया को एक कर दिया है. ट्रेलर का जितना अच्छा रिस्पांस मिल रहा है उतना ही फ़िल्म को मिल जाए तो मेरी मेहनत सफल हो जाएगी.
पेंडेमिक में इस फ़िल्म की शूटिंग हुई है कितना चुनौतीपूर्ण था ?
एक्टर्स सबसे ज़्यादा एक्सपोज्ड होता है बाकी क्रू मेंबर के पास ये सुविधा होती है कि वो पीपीटी किट और मास्क पहनकर खुद को सेट पर सुरक्षित रख सकते हैं लेकिन हमारे साथ ऐसा नहीं था. पहले के तीन चार दिन थोड़ा डरी हुई थी फिर धीरे धीरे आदत पड़ने लगी. वैसे कोरोना के साथ साथ दिक्कत ठंडी ने भी बढ़ाई थी. फ़िल्म की शूटिंग ठंडी में हुई है तो बहुत ही बैंड बज गयी थी. इसके अलावा परेशानी ये थी कि शूट से एकदम पहले मुझे मलेरिया हुआ था तो इम्युनिटी बहुत कमजोर थी. सेट पर मेरी तबीयत कई बार खराब हुई. लेकिन काम करते रहना है और एक अच्छी फिल्म बनाना है. शो मस्ट गो ऑन.
जैसा कि आपने कहा शो मस्ट गो ऑन क्या इससे पहले भी आप इससे गुजरी हैं ?
हाउसफुल की शूटिंग के वक़्त मुझे चोट लग गयी थी. एक कॉमेडी एक्शन सीक्वेंस शूट हो रहा था अक्षय कुमार बॉबी सर को एक तलवार से मारने जाते हैं और वो तलवार अचानक से टूट कर मेरे कंधे पर आ लगा था. मेरा कॉलर बॉन चोटिल हो गया था. अगले दिन इतना दर्द बढ़ गया था कि मैं कंधे को हिला नहीं पा रही थी लेकिन शूटिंग करनी ही थी. जैसे तैसे करके वो शूट खत्म किया. 10 दिन तक मैंने दर्द में ही हाउसफुल की शूटिंग पूरी की. मुझे लगता है कि हमसे पहले हमारा काम आता है.
कहते हैं कि हर किरदार एक्टर को कुछ ना कुछ सीखा जाता है 14 फेरे की अदिति से आपने क्या सीखा ?
अदिति से मैंने प्रैक्टिकल होना सीखा है. निजी जिंदगी में मैं बहुत ज़्यादा इमोशनल हूं. अदिति को अपना इमोशन बचाकर चीजों को हैंडल करना आता है. वो अपने आसुंओं को फ़ॉर ग्रांटेड नहीं लेती है. वो मुश्किल परिस्थितियों में रुकती नहीं है बल्कि उसका हल ढूंढती है.
14 फेरे में आपको अपनी पसंद के लड़के से शादी के लिए परिवार की रजामंदी चाहिए आप अपने फैसले नहीं ले सकती हैं निजी जिंदगी में आपके परिवार के साथ कैसा रिश्ता रहा है ?
मैं अपने परिवार के बहुत करीब हूं . पिछले दस सालों में मैं इतनी इंडिपेंडेंट बन गयी हूं कि सुनने और ना सुनने वाला रिश्ता नहीं है. मेरे माता पिता के साथ मेरा रिश्ता ऐसा है कि वो मुझे देखते हैं और कहते हैं कि हमें तुम पर भरोसा है. हमें पता है कि तुम जो करोगे सही करोगे तो अपने फैसले खुद लो. उन्होंने मुझे बहुत ही इंडिपेंडेंट बनाया है खासकर मेरी अपनी ज़िंदगी के फैसलों के लिए. उनकी सोच बहुत सही है. उनका कहना है कि आखिरकार जो फैसले होंगे जीना उनके साथ तुमको है तो फैसले तुम्हारे होने चाहिए.
यह एक कॉमेडी फिल्म है आप किस अभिनेत्री की कॉमिक टाइमिंग के मुरीद हैं ?
श्रीदेवी मैम के नाम के अलावा और कौन हो सकता है. उनसे अच्छी कॉमेडी टाइमिंग शायद ही किसी और अभिनेत्री की बॉलीवुड में है. वो स्क्रीन पर आते ही छा जाती थी. चालबाज में जिस तरह से उन्होंने दोनों किरदारों को निभाया शायद ही कोई दूसरा कर पाएगा.
यह फ़िल्म शादी पर है शादी की आपकी क्या परिभाषा है ?
मैं फ़िल्म कुछ कुछ होता है के पॉपुलर डायलॉग “प्यार दोस्ती है अगर वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती है तो मैं उससे प्यार नहीं कर सकता” में विश्वास रखती हूं. आपका पार्टनर आपको सबकुछ बोल सकें. दोस्त जब आपका पार्टनर होता है तो फिर आपको खुद को बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. अगर आप अच्छे दोस्त नहीं बन सकते हैं तो फिर आपकी शादी कभी सफल नहीं हो सकती है. दिक्कतें हर रिश्ते में आती है। दोस्त होते हैं तो हर रिश्ता दिक्कतों को पार कर जाता है.
बॉलीवुड में काफी ग्रैंड शादी के सेलिब्रेशन का चलन है आप किस तरह से शादी करना चाहेंगी ?
मुझे सिंपल चीज़ें अच्छी लगती हैं. मुझे छोटी छोटी चीज़ें खुशी देती हैं. मुझे लगता है कि आपके क्लोज लोग ही आपकी शादी में होने चाहिए जिनके साथ आपने अपना बचपन बिताया है. युवा दिनों में साथ रहे हैं। भीड़ नहीं. उनकी मौजूदगी उस स्पेशल डे को और खास बना देती है.
आपके लिए अपने माता पिता के अलावा आदर्श जोड़ी कौन है ?
मैं अपनी बहन और जीजू का नाम लेना चाहूंगी. वे दोनों एक दूसरे के इतने अच्छे दोस्त हैं कि मुझे कई बार जलन भी होती है.
पुलकित के साथ आप कब शादी करने जा रही हैं ?
शादी बहुत ही निजी फैसला है. जब होगी तो सबको पता चल जाएगा.