बर्दवान, मुकेश तिवारी. पश्चिम बंगाल के बर्दवान जिले की 14 साल की रात्रि मालिक के जिस कंधे पर किताब का बस्ता होना चाहिए, उस कंधे पर वह अपने पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठा रही है. गरीबी, अभाव के बावजूद हार नहीं मानने वाली कक्षा सातवीं की छात्रा रात्रि मालिक पढ़ाई के साथ साथ रोजी रोटी के लिए लगातार संघर्ष कर रही है. वह टोटो चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करती है.
पूर्व बर्दवान जिले के कालना थाना के निभूजी ग्राम निवासी रात्रि मालिक के पिता मदन मालिक बीते दो सालों से ब्रेन स्ट्रोक से बीमार होकर बिस्तर पर पड़े हैं. मां दूसरों के घरों में परिचारिका का काम करती है. एक छोटा भाई है. स्वयं स्थानीय कृष्णदेवपुर उच्च बालिका विद्यालय की छात्रा है. रात्रि मालिक को जिस उम्र में पढ़ाई करनी है, उस उम्र में वह घर संसार का बोझ उठा रही है.
पूर्व स्थली, पांडुआ, धात्री ग्राम आदि इलाकों में सवारी लेकर टोटो चलाकर रात्रि मालिक सवारियों को उनके गंतव्य तक ले जाती है. रात्रि मालिक बताती है कि पिता के बीमार होकर बिस्तर पर आ जाने से घर चलाना मां के लिए कठिन हो गया था, लेकिन अब किराए पर लेकर टोटो चलाती हूं. बीच-बीच में स्कूल भी जाती हूं. प्राइवेट ट्यूशन भी पढ़ती हूं, लेकिन घर का खर्च चलाने के लिए अभी टोटो ही चला रही हूं.
Also Read: Jharkhand: JNC किराये पर दे रही ई-रिक्शा, बस 100 रुपये प्रति दिन और कुछ शर्तें
रात्रि मालिक ने कहा कि पिता ने ही मुझे छोटे में टोटो चलाना सिखाया था. आज वही सहारा पाकर परिवार का भरण पोषण चल पा रहा है. रात्रि बताती है की कभी सौ रुपए कभी दो सौ रुपए तो कभी कुछ कमाई नहीं हो पाती है. पिता के इलाज में दवा में ही बहुत पैसा जाता है. बहुत ही मुश्किल से घर चल रहा है. रात्रि बताती है की जब उसके पिता टोटो चलाते थे तो उसे पढ़ाने के लिए वह काफी प्रयास करते थे. रात्रि भी तब पढ़ाई को लेकर ही अपना भविष्य देख रही थी. लेकिन पिता के बीमार होने से सब सपना चूर हो गया. रात्रि बताती है कि पुलिस वाले मेरी स्थिति जानते हैं, इसलिए मुझे नहीं रोकते है.