गढ़वा : तीन दिन में 15 मिमी बारिश से धान-सब्जी को नुकसान, रबी की फसल को लाभ, ठंड से ठिठुर रहे लोग
बारिश से सरसों, चना, जौ, गेहूं जैसी फसलों को लाभ हुआ है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बारिश से रबी फसलें ज्यादा जल्दी विकसित होंगी. विशेषकर बोये गये गेहूं की फसल और खेतों में उगे हुये चना की फसल को काफी लाभ हुआ है.
गढ़वा जिले में लगातार तीन दिनों तक 15 मिमी बारिश हुई. इस बारिश से एक तरफ खेत में तैयार अथवा काटकर रखी धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है, वहीं रबी फसलों को इससे लाभ होने की बात बतायी गयी. गढ़वा जिले में मंगलवार से रुक-रुककर बारिश हो रही थी. इस दौरान आकाश में लगातार बादल छाये रहे. लोग सूर्य का दर्शन नहीं कर पाये. गुरुवार को कई इलाकों में मूसलाधार बारिश हुई. इसका सर्वाधिक असर खेत में तैयार तथा खेतों में काटकर रखी गयी धान की फसल को हुआ है. साथ ही सब्जियों पर भी इस बारिश का विपरीत असर हुआ है. बारिश के कारण कांडी, केतार, भवनाथपुर, खरौंधी आदि प्रखंडों में सैकड़ों बोझा धान की बाल खेतों में सड़ने जैसी हो गयी है. इसके कारण किसानों को काफी आर्थिक क्षति हुई है. इस बेमौसम बारिश से किसान काफी परेशान हैं. वे सरकार से इसका आकलन कराकर जल्द इसका मुआवजा भुगतान कराने के लिये गुहार लगा रहे हैं, ताकि वे अपने आगे की खेती करने का जुगाड़ कर सकें. इधर इस बारिश से सरसों, चना, जौ, गेहूं जैसी फसलों को लाभ हुआ है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बारिश से रबी फसलें ज्यादा जल्दी विकसित होंगी. विशेषकर बोये गये गेहूं की फसल और खेतों में उगे हुये चना की फसल को काफी लाभ हुआ है.
चार दिन बाद निकला धूप, तापमान 13 डिग्री पहुंचा
गढ़वा जिले में पिछले चार दिनों से धूप नहीं निकल रही थी. जबकि तीन दिनों तक लगातार रूक-रूककर बारिश हुई. शुक्रवार को दोपहर बाद धीरे-धीरे बादल छंटने लगे और सूर्य का दर्शन हो सका. शाम होते ही ठंड अचानक बढ़ गयी. मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री था, लेकिन एक दिन बाद ही अचानक शुक्रवार को तापमान गिरकर 13 डिग्री हो गया है. बताया गया कि तापमान में आगे और तेजी से गिरावट आयेगी और एक सप्ताह के अंदर तापमान 10 डिग्री तक पहुंच जायेगा.
बारिश की संभावना नहीं, शीतकालीन सब्जी की बोआई पूरी करने की सलाह
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक अभी आगे लगातार बारिश के कोई आसार नहीं है. इसको देखते हुए किसानों को शीतकालीन सब्जी और नर्सरी की बोआई पूरी करने की सलाह दी गयी है. वर्षा खुलने के बाद मटर, चना और मूंग की फसल की बोआई पूरी करने को कहा गया है. साथ ही उर्वरक और कीटनाशक का प्रयोग करने की भी सलाह दी गयी है.
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