झारखंड के 1500 श्रमिक करेंगे भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण, सीएम हेमंत करेंगे दुमका से लद्दाख रवाना, पढ़ें झारखंड की टॉप 5 खबरें
संताल-परगना के 1500 श्रमिक आज विशेष ट्रेन से लेह लद्दाख के लिए रवाना होंगे . बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन के लिए वे भारत-चीन सीमा पर सड़क निर्माण का काम करेंगे. खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उन्हें ट्रेन से हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. तो वहीं, बोकारो के कसमार में लाखों रुपये का मनरेगा घोटाला सामने आया है. जहां छह गांवों में कूपों का निर्माण पूरा किये बिना पैसे का गबन कर लिया गया. तो धनबाद में ठेकेदार गोरखधंधा मे लगे हैं. यहां ज्यादातर मजदूरों को बिना काम के ही मिल जाता है काम का दाम. एसा ही घोटाला गिरिडीह में भी हुआ है. जहां बगैर मुर्गी शेड निर्माण के अवैध रूप से राशि की निकासी कर ली गई. कमेटी ने निरीक्षण भी किया है अब इस मामले पर केस होगा.. तो वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क की लिस्ट में सिर्फ एक्सएलआरआइ टॉप 10 में जगह बना सका. मैनेजमेंट कैटेगरी में एक्सएलआरआइ को 9वां स्थान मिला. झारखंड की टॉप 5 न्यूज में आपका स्वागत है...
संताल-परगना के 1500 श्रमिक शुक्रवार को विशेष ट्रेन से लेह लद्दाख के लिए रवाना होंगे . बॉर्डर रोड आर्गनाइजेशन(बीआरओ) के लिए भारत-चीन सीमा पर उक्त श्रमिक सड़क निर्माण का काम करेंगे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्रमिकों को संबोधित भी करेंगे. प्रस्थान करने से पूर्व इन मजदूरों के बीच लेबर कार्ड का वितरण किया जायेगा. बीआरओ श्रमिकों को नियमत: नियुक्त कर लेह लद्दाख भेजेगा.
दुमका रेलवे स्टेशन से कामगारों को रवाना करने के पूर्व बीआरओ के पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन द्वारा एक एकरारनामा पर हस्ताक्षर किया जायेगा. बीआरओ के एडीजी ने बताया कि बीआरओ एवं श्रम विभाग के बीच एमओयू करने के लिए रक्षा मंत्रालय से अनुमति मांगी गयी है. अनुमति प्राप्त होते ही एमओयू पर हस्ताक्षर किया जायेगा.
प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लोगों को रोजगार देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. इसी कड़ी में शुक्रवार को श्रमिक लेह लद्दाख जायेंगे. ये शुरुआत है. किसानों, मजदूरों और व्यापारियों के लिए भी कई व्यवस्था की जा रही है. इससे राज्य में रोजगार के नये आयाम खुलेंगे. सीएम ने कहा कि देश में यह पहला कदम होगा जब मजदूरों के हक को लेकर एक नीतिगत तरीके सेस्वेच्छा से अपना रोजगार चुनेंगे.
कसमार प्रखंड अंतर्गत मंजूरा पंचायत में 11.45 लाख रुपया का मनरेगा घोटाला सामने आया है. छह गांवों में छह कूपों का निर्माण पूरा किये बिना पैसे का गबन कर लिया गया. कसमार बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने इस संबंध में गुरुवार को स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें मंजूरा पंचायत के रोजगार सेवक पदम लोचन गोराई, मुखिया नरेश महतो, पंचायत सचिव ध्रुवपद गोप व मनरेगा बीपीओ पवन कुमार गुप्ता को अभियुक्त बनाया गया है. बीडीओ ने रोजगार सेवक और बीपीओ की संविदा रद्द करने व पंचायत सचिव पर विभागीय कार्रवाई करने की भी अनुशंसा की है.
जानकारी के अनुसार मंजूरा पंचायत के छह गांवों के लिए मनरेगा के तहत एक-एक कूप निर्माण की योजना वर्ष 2015-16 और 2016-17 में मिली थी. छह कूप के निर्माण कार्य में कुल छह लाख 79 हजार 799 रुपया का काम किया गया. इसके बाद बिना मापी पुस्तिका के फर्जी मास्टर रोल के आधार पर अभियुक्तों ने कुल 18 लाख 25 हजार 610 रुपये की निकासी कर ली. बीडीओ के अनुसार अनियमितता की शिकायत मिलने पर पांच जून को उन्होंने स्थल निरीक्षण किया. इसके बाद जांच की जिम्मेदारी मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी व कनीय अभियंता को दी. दोनों अधिकारियों ने जांच के बाद कूप निर्माण में घोटाला की बात सच पायी.
जॉब कार्ड दो, पांच प्रतिशत लो, यह हाल है धनबाद जिले के अधिकांश पंचायतों में चह रहे महात्मा गांधी राष्ट्रीय गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का. यहां मजदूरों को काम भले ही न मिले, लेकिन जॉब कार्ड बिचाैलियों को देने पर कुल मजदूरी की पांच फीसदी राशि जरूर मिल जाती है. वह भी बैंक या डाक घर में खोले गये बचत खाता में.
जो मजदूर अपना जॉब कार्ड नहीं देते हैं, उन्हें न तो काम मिलता है और न ही राशि. मजदूर भी इसलिए जॉब कार्ड दे देते हैं कि बिना काम के कुछ तो राशि मिल जाती है. ग्रामीणों के अनुसार मनरेगा में आज भी खुदाई का अधिकांश काम जेसीबी व दूसरे मशीनों से ही होता है. केवल सड़कों पर मिट्टी-मोरम बिछाने या पौधरोपण का काम मजदूरों से कराया जाता है.
बगैर मुर्गी शेड का निर्माण किये मजदूरी व मैटेरियल की राशि निकाल लिये जाने के मामले में गुरुवार को डीडीसी की गठित जांच कमेटी ने स्थल का निरीक्षण किया. पाया कि मुर्गी शेड नहीं बना है. जांच कमेटी की रिपोर्ट पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई तेज कर दी गयी है. डीडीसी मुकुंद दास ने बताया कि प्रभात खबर में गांडेय प्रखंड के बड़कीटांड़ में दो-दो मुर्गी शेड निर्माण किये बगैर राशि की निकासी कर लिये जाने की खबर प्रकाशित की गयी थी, जो सही पायी गयी है. उन्होंने कहा कि इस मामले में सभी दोषी लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जायेगी.
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) की साल 2020 की रैकिंग जारी की. झारखंड और बिहार से सिर्फ एक्सएलआरआइ टॉप 10 में जगह बना सका. मैनेजमेंट कैटेगरी में एक्सएलआरआइ को 9वां स्थान मिला. हालांकि, पिछले साल की तुलना में एक्सएलआरआइ की रैकिंग में दो पायदान की गिरावट है. नेशनल इंस्टीट्यूट अॉफ टेक्नोलॉजी (एनआइटी) जमशेदपुर को इंजीनियरिंग कैटेगरी में 79वां स्थान मिला. एनआइटी का प्रदर्शन सुधरा है. वह 130वें से 79वें पायदान पर पहुंंच गया. देश भर के ओवरऑल टॉप 100 में झारखंड के दो संस्थान शामिल हैं.आइएसएम को टॉप 100 में 22वां स्थान मिला है.
वहीं, बीआइटी मेसरा को 85वां स्थान मिला. सम्पूर्ण संस्थान (ओवरऑल) श्रेणी में आइआइटी मद्रास को प्रथम, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु को द्वितीय और आइआइटी दिल्ली को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ऑनलाइन माध्यम से एनआइआरएफ की साल 2020 रैंकिंग जारी की. रैकिंग छात्रों को विश्वविद्यालयों के चयन में मार्गदर्शन का काम करेगी.
Post by : Pritish Sahay