रेड के बाद कंप्यूटर में मिलीं 16 फाइलें, शिकायत दर्ज, लिप्स एंड बाउंड्स में ईडी के छापे पर सवाल
ईडी की टीम ने सोमवार 21 अगस्त को लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी में रेड की थी. इस दौरान कंपनी के दफ्तर में मौजूद सभी कंप्यूटर को ईडी अधिकारियों ने अपने कंट्रोल में ले लिया था. 18 घंटे बाद मंगलवार सुबह ईडी के अधिकारी वहां से निकले, तब सभी कंप्यूटर की जांच की गई.
पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार कालीघाटेर काकू उर्फ सुजय कृष्ण भद्र से पूछताछ के आधार पर ईडी ने न्यू अलीपुर स्थित लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी में 18 घंटे तक छापेमारी की थी. सुजय इस कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) थे. छापेमारी के दो दिन बाद शुक्रवार को कंपनी के चार्टर्ड अकाउंटेंट चंदन बनर्जी ने लालबाजार के साइबर क्राइम थाने में एक शिकायत दर्ज कराई है.
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मामले की जांच में जुटी लालबाजार के साइबर क्राइम थाने की पुलिस
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कंपनी का दावा : ईडी की रेड के पहले कंप्यूटर में नहीं थीं उक्त फाइलें
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शिकायत में कहा गया है कि ईडी की टीम ने सोमवार 21 अगस्त को लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी में रेड की थी. इस दौरान कंपनी के दफ्तर में मौजूद सभी कंप्यूटर को ईडी अधिकारियों ने अपने कंट्रोल में ले लिया था. 18 घंटे बाद मंगलवार सुबह ईडी के अधिकारी वहां से निकले, तब सभी कंप्यूटर की जांच की गई.
इस दौरान एक कंप्यूटर में एक्सएल फॉर्मेट में 16 ऐसी फाइलें मिलीं, जो पहले नहीं थीं. इन फाइलों से कंपनी का कोई लेना-देना नहीं है. ये फाइलें कंपनी के कामकाज से जुड़ी भी नहीं हैं. अब सवाल उठ रहा है कि रेड के बाद ये फाइलें कहां से आ गईं. इस बाबत कंपनी की तरफ से लालबाजार के साइबर क्राइम थाने से इस मामले की जांच करने का आवेदन किया गया है.
लालबाजार सूत्रों का कहना है कि मामले की जांच शुरू कर दी गयी है. उक्त सभी 16 फाइलों की कॉपी की जांच की जा रही है. जिस कंप्यूटर में ये फाइलें मिली हैं, उसे जल्द फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि वे फाइलें उस कंप्यूटर कब और कहां से आईं. उन फाइलों में क्या-क्या जानकारी थी. क्या वे फाइलें किसी वायरस का प्रकार तो नहीं हैं. इन फाइलों को अपलोड करने से क्या हो सकता था. इन सवालों का जवाब पुलिस जानने की कोशिश कर रही है.
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