कानपुर में शहर की तरह ही अब गांव में भी घर-घर से कूड़ा उठाया जाएगा. इसके लिए 9 विकास खंडों कि 16 ग्राम पंचायत का चयन किया गया है. यह ग्राम पंचायतें शहर की सीमा से लगी हैं. यहां घर-घर कूड़ा उठाने की तैयारी शुरू कर दी गई है. 6 दिसंबर तक ग्राम पंचायत की बैठक में विस्तृत कार्य योजना तैयार कर ली जाएगी. गांव में उपलब्ध संसाधनों को विकसित करने के लिए स्वच्छता शुल्क लिया जाएगा. जल्द ही इसका निर्धारण कर लिया जाएगा. इससे होने वाली आय से अन्य सुविधाओं का विकास किया जाएगा. गांव में कूड़ा बड़ी समस्या बन गया है. कूड़ा निस्तारण के लिए गांव में प्लांट बनाए जा रहे हैं. इसके लिए गीला और सूखा कूड़ा अलग किया जा रहा है. यह कार्य स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-2 के तहत किया जा रहा है. इसी कड़ी में अब ग्राम पंचायत को मॉडल बनाना तय हुआ है. विकासखंड कल्याणपुर, चौबेपुर, बिल्हौर, ककवन, सरसौल, बिधनू, भीतरगांव, पतारा, घाटमपुर का चयन इसके लिए किया गया है. अधिकारी भी नामित कर दिए गए हैं. जो ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था तैयार करेंगे. ग्राम पंचायत क्षेत्र में कूड़ा उत्सर्जित किए जाने से संबंधित स्टेट होल्डर संस्थाओं, शिक्षण संस्थानों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और औद्योगिक इकाइयों के साथ समन्वय में बैठक करेंगे.
गांव में कूड़े से खाद बनाई जाएगी और उसकी बिक्री ग्रामीणों को की जाएगी. ताकि वह उसका उपयोग खेती में कर सकें. इसके लिए उनसे गोबर और फसलों के अवशेष आदि लिए जाएंगे. अभी गांवो के बाहर सड़क किनारे या घरों के बाहर कूड़ा सड़ता है और बीमारियां फैलती हैं. वहीं गांव से निकलने वाली प्लास्टिक कचरे को दाना बनाने वाली कंपनियों को बेचा जाएगा. फिलहाल सभी 590 ग्राम पंचायत से प्लास्टिक कचरा एकत्र किया जा रहा है.
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कल्याणपुर विकासखंड की बगदौधी वांगर, भौती प्रतापपुर, रामपुर भीमसेन, बिनौर, चौबेपुर की माली, महाराजपुर, पेम, बिल्हौर की पूरा, ककवन, सरसौल की नर्वल, महाराजपुर, बिधनू की रमईपुर, मझावन, भीतरगांव, पतारा, घाटमपुर की कोरिया का चयन किया गया है.