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गिरफ्तारी के 25 दिनों बाद आदिवासी कुड़मी समाज के 17 लोग बेल पर रिहा

आदिवासी कुड़मी समाज के मुखिया अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि उनके लोग 17 सितंबर को शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे, मांग थी कि मुखिया के एक बयान को लेकर कुछ लोग आदिवासी कुड़मी समाज को बदनाम कर रहे हैं. ऐसे शरारती तत्वों पर पुलिस कार्रवाई करे.

आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार 17 लोग बुधवार (11 अक्टूबर) को पुरुलिया जिला कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गये. ये लोग गत 17 सितंबर को अपने मुखिया अजीत प्रसाद महतो के समर्थन में सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करते हुए पुलिस अधीक्षक (एसपी) को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे. तब पुलिस ने समाज के कई नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस का आरोप था कि बड़ी संख्या में कुड़मी समाज के लोगों के सड़क पर जुटने से जाम लगा और अव्यवस्था पैदा हुई. गिरफ्तारी के 25 दिनों बाद कुड़मी नेता व कार्यकर्ताओं की जमानत अर्जी पुरुलिया जिला कोर्ट ने मंजूर कर ली. इसके बाद 17 लोगों को जमानत पर सशर्त रिहा कर दिया गया. रिहाई के बाद इन लोगों का आदिवासी कुड़मी समाज ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. इस बाबत आदिवासी कुड़मी समाज के मुखिया अजीत प्रसाद महतो ने कहा कि उनके लोग 17 सितंबर को शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे, मांग थी कि मुखिया के एक बयान को लेकर कुछ लोग आदिवासी कुड़मी समाज को बदनाम कर रहे हैं. ऐसे शरारती तत्वों पर पुलिस कार्रवाई करे.

और बड़ा होगा कुड़मी समाज का आंदोलन

एसपी को ज्ञापन देने के लिए जा रहे कुड़मी समाज के 17 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोप है कि उनके खिलाफ पुलिस ने झूठे मामले दर्ज कर लिये हैं. आदिवासी कुड़मी समाज को लगता है कि उन लोगों के रेल व सड़क रोको आंदोलन को बाधित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने यह कार्रवाई की थी. कुड़मी समाज का कहना है कि उनका आंदोलन अब कहीं ज्यादा बड़ा व व्यापक होगा.

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