धनबाद के युवा तेजी से ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (एचआइवी) के शिकार हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले नौ माह में धनबाद में 17 एचआइवी संक्रमित युवाओं की पहचान की गयी है. इनमें से पांच की उम्र 18 वर्ष से कम है. वहीं अन्य युवाओं की उम्र 25 वर्ष से कम है. एचआइवी संक्रमित मरीजों का एसएनएमएमसीएच स्थित एंटी रेट्रो वायरल थेरेपी सेंटर (एआरटी) में रजिस्ट्रेशन कराया गया है. एआरटी में एचआइवी संक्रमित इन मरीजों ने विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए पॉजिटिव होने की संभावना दर्ज करायी है. एआरटी सेंटर में रजिस्ट्रेशन होने के बाद सभी को दवा दी जाने लगी है. वहीं सरकार द्वारा संक्रमित मरीजों को हर माह पोषण के रूप में प्रदान की जाने वाली एक हजार रुपये की राशि भी इनके खाते में भेजी जा रही है.
छह माह में तीन किशोर व 25 वर्ष तक के चार की पहचान : स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया है कि मेडिकल कॉलेज में संचालित एआरटी सेंटर में जुलाई से लेकर दिसंबर 2023 तक तीन एचआइवी संक्रमित किशोर मरीजों की पहचान की गयी. वहीं 18 से 25 वर्ष तक के चार युवा एचआइवी संक्रमित होने के पश्चात एआरटी पहुंचे.
हाल के दिनों में एचआइवी संक्रमित युवाओं में पॉजिटिव होने का एक प्रमुख कारण मैन हेविंग सेक्स विद मैन (एमएसडब्ल्यूएम) को बताया है. रिपोर्ट के अनुसार सेक्स की अधूरी जानकारी होने के कारण कम उम्र के युवा संक्रमित हो रहे हैं.
एआरटी में 3200 एचआइवी मरीज रजिस्टर्ड : एसएनएमएमसीएच स्थित एआरटी सेंटर की शुरुआत साल 2010 में हुई थी. तब से लेकर अबतक केंद्र में 3200 एचआइवी संक्रमित मरीज रजिस्टर्ड किये गये हैं. आंकड़ों के अनुसार इनमें से अबतक लगभग 450 मरीजों की मौत विभिन्न कारणों से हो चुकी है. हाल के कुछ वर्षों में हर साल एचआइवी संक्रमित 100 से ज्यादा मरीजों का रजिस्ट्रेशन एआरटी सेंटर में किया जा रहा है.
एआरटी के नोडल पदाधिकारी डॉ विभूति नाथ सही जानकारी ही एचआइवी से बचाव है. देखा जा रहा है कि जानकारी के अभाव में किशोर व युवाओं का झुकाव सेक्स की ओर बढ़ा है. खासकर हॉस्टल व परिवार से बाहर रहने वाले वैसे मजदूर, जिनकी उम्र कम है. उनकी संख्या एचआइवी संक्रमित होने वालों में सबसे अधिक है.
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