Ganga Sagar Mela : गंगा सागर से लौट रहे 182 तीर्थयात्रियों को भारतीय तटरक्षक बल ने काकद्वीप के पास बचाया

तटरक्षक बल के अनुसार तीर्थयात्री कल गंगा में स्नान करने के बाद कचुबेरिया से जहाज पर सवार हुए. जहाज का चालक घने कोहरे में भटक गया उस समय जहाज मुड़ीगंगा में फंस गया. पहले गंगा के रास्ते में दो जहाज इस घाट में फंस गये थे.

By Shinki Singh | January 16, 2024 1:32 PM

कोलकाता, अमित शर्मा : गंगा सागर मेले में हिस्सा लेने आए तीर्थयात्री जो नामखाना (काकद्वीप) के पास फंस गए थे, उन्हें बचाने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) ने एक सराहनीय बचाव अभियान चलाया. नामखाना, काकद्वीप के पास एक नौका पर फंसे लगभग 182 तीर्थयात्रियों को बचाने के लिए हल्दिया से होवरक्राफ्ट तैनात किए गए थे. यह घटना तब घटी जब तीर्थयात्री मकर संक्रांति पर पवित्र स्नान के बाद गंगा सागर से लौट रहे थे. एनडीआरएफ ने दो स्पीड बोट के साथ और भारतीय तटरक्षक बल ने एक होवर क्राफ्ट के साथ सुबह से ही बचाव अभियान शुरू कर दिया है. तटरक्षक बल के अनुसार तीर्थयात्री कल गंगा में स्नान करने के बाद कचुबेरिया से जहाज पर सवार हुए. जहाज का चालक घने कोहरे में भटक गया उस समय जहाज मुड़ीगंगा में फंस गया. पहले गंगा के रास्ते में दो जहाज इस घाट में फंस गये थे. यात्रियों से भरा जहाज करीब 5 घंटे तक फंसा रहा.

जानकारी के मुताबिक तीर्थयात्रियों से भरी नौका खराब विजिबिलिटी के चलते एक अनिश्चित स्थिति में फंस गई. इसकी जानकारी तुरंत भारतीय तटरक्षक के बलों को दी गई. भारतीय तटरक्षक बलों ने मौके की नजाकत को देखते हुए त्वरित कार्रवाई की. अपने अत्याधुनिक होवरक्राफ्ट के साथ तेजी से घटनास्थल पर पहुंचे और अपने तकनीकी कौशल से 182 तीर्थयात्रियों को बचाया.

Also Read: Mamata Banerjee : ममता बनर्जी ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर लॉ सेक्रेटरी को लिखा पत्र, प्रस्ताव पर जताई असहमति

यह घटना प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान समुद्री परिवहन के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित करती है. ऐसी चुनौतियों को तेजी से और प्रभावी ढंग से निपटने में भारतीय तटरक्षक की क्षमता उनके कठोर प्रशिक्षण आधुनिक उपकरणों और नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

Also Read: लोकसभा चुनाव: ममता बनर्जी ने बढ़ाई कांग्रेस की टेंशन! ‘आप’ के साथ सीट शेयरिंग को लेकर आज अहम बैठक

Next Article

Exit mobile version