Ramgarh News: जिले के डाड़ी प्रखंड में 19 आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के मकानों में चल रहे हैं. वहीं कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन सरकारी स्कूल व सामुदायिक भवन में हो रहा है. हैरत की बात यह है कि केंद्र में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या पिछले कुछ वर्षों से लगातार घट रही है. यह केंद्र के लिए चिंता का विषय है.
बताते चलें कि धात्री व गर्भवती महिला तथा सात माह से तीन वर्ष के बच्चों को महीने में पोषाहार के रूप में रेडी टू इट दिया जाता है. लाभुक इसे खाना नहीं चाहते हैं. लाभुकों का कहना है कि इससे उनके स्वास्थ्य में सुधार नहीं होगा, बल्कि बिगड़ेगा. केंद्र में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए सेविका व सहायिका कई तरह की कदम उठा रही है, लेकिन इसका कोई अपेक्षित लाभ नहीं मिल रहा है.
जानकारी के अनुसार डाड़ी प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन वर्ष 2004 से हो रहा है. फिलहाल प्रखंड में 82 आंगनबाड़ी केंद्र है. इसमें एक मिनी आंगनबाड़ी केंद्र है. केंद्र में तीन से छह वर्ष के बच्चों की संख्या 1970 है. कुछ वर्ष पहले केंद्र में बच्चों की संख्या 2500 के आसपास थी. बच्चों की संख्या लगातार घट रही है. डाड़ी पंचायत के सतकड़िया आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों की संख्या सबसे कम 11 बतायी जाती है. होसिर, हुआग व टोंगी के आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या ठीक-ठाक है, जबकि प्रखंड के अन्य केंद्रों में औसतन 15 से 20 बच्चे हैं.
सेविका का कहना है कि अभिभावक तीन वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों का स्कूल में दाखिला करा रहे हैं, जिसके कारण ही आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की संख्या घट रही है. प्रखंड में धात्री महिला 566 व गर्भवती महिला 541 है. सात माह से तीन वर्ष के बच्चों की संख्या 3768 है. रेडी टू इट यहां पर कौन आपूर्ति करता है. इसकी जानकारी किसी भी सेविका को नहीं है.
प्रखंड में 17 आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र भी है. यहां पर बच्चों को कई तरह की सुविधा दी जाती है. आदर्श केंद्रों में भी बच्चों की अपेक्षित संख्या नहीं है. डाड़ी प्रखंड के 50 आंगनबाड़ी केंद्रों का अपना भवन है. कुछ आंगनबाड़ी केंद्र भवन का निर्माण कार्य चल रहा है. जो आंगनबाड़ी केंद्र भाड़े के मकानों में चल रहा है, उसका मासिक किराया 200 रुपये है. डाड़ी प्रखंड की प्रभारी सीडीपीओ शैलबाला ने कहा कि केंद्र में पिछले कुछ वर्षों के अंदर बच्चों की संख्या घटी है. पर इसके लिए सकारात्मक प्रयास किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि कई केंद्रों के लिए भवन का निर्माण किया जा रहा है.