कोरोना काल में वितरण के लिए गढ़वा के FCI गोदाम में रखा 20 क्विंटल चना सड़ा, चावल में भी लग गये कीड़े

कोरोना काल में लोगों को उपलब्ध होने वाला चना गढ़वा के गोदाम में रखे-रखे सड़ गया है. करीब 20 क्विंटल चना सड़ गया. वहीं, गोदाम में रखे चावल में भी कीड़े लगने लगे हैं. अधिकारियों का कहना है कि जर्जर गोदाम की वजह से पानी पड़ जाने के कारण चना सड़ गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2021 3:52 PM

Jharkhand News (पीयूष तिवारी, गढ़वा) : एक तरफ जहां कोरोना से प्रभावित कई लोग दाने-दाने को मोहताज हो गये हैं, वहीं दूसरी ओर कोरोना काल में जब पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, तब जनवितरण प्रणाली के माध्यम से गढ़वा के कार्डधारियों के बीच वितरण के लिए मिला करीब 20 क्विंटल चना गोदाम में रखा-रखा सड़ गया है. इस चने को साल 2020 में राशन कार्डधारियों के बीच वितरण किया जाना था. इसके अलावा चावल में भी कीड़े लगने लगे हैं.

गढ़वा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित FCI के गोदाम से गढ़वा व डंडा प्रखंड के जनवितरण प्रणाली के डीलरों ने इसका उठाव किया था और प्रत्येक कार्डधारियों के बीच दो-दो किलो के हिसाब से वितरण भी किया था. लेकिन, वितरण के लिए प्राप्त करीब 40-50 बोरा यानी करीब 20 क्विंटल चने का उठाव ही नहीं किया गया. साल भर से ज्यादा समय तक गोदाम में ही पड़े रहने से चना सड़ गया.

सड़े चने की स्थिति है कि इसे पशुओं को भी खिलाने के लायक भी नहीं रहा. गोदाम में रखे चने में कीड़े लग गये हैं और उससे बदबू भी आ रही है. इसकी जानकारी मिलने के बाद लोगों में काफी नाराजगी देखे जा रही है. लोगों का कहना है कि इतनी मात्रा में चने का वितरण नहीं होना और सड़ा देना कालाबाजारी की साजिश की ओर इशारा कर रहा है.

Also Read: जवाहर नवोदय विद्यालय गढ़वा की प्रवेश परीक्षा में 3172 परीक्षार्थी होंगे शामिल

इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता अजय उपाध्याय एवं लोजपा के जिलाध्यक्ष प्रभाकर सिंह ने कहा कि कोरोना काल में प्रभावित लोगों के बीच इस चने को सड़ने के पूर्व नि:शुल्क वितरण कर देना चाहिए था. लेकिन, अधिकारियों ने लापरवाही व सुस्त कागजी प्रक्रिया की वजह से इसे अब किसी लायक नहीं छोड़ा. उन्होंने बताया कि इस तरह की स्थिति अन्य प्रखंडों के गोदाम की जांच में भी सामने आ सकती है.

सैकड़ों क्विंटल चावल भी सड़ा

जर्जर भवन की वजह से गढ़वा FCI के गोदाम में रखे गये सैकड़ों क्विंटल चावल भी सड़ रहे हैं. कार्डधारियों के बीच एक रुपये प्रति किलो के हिसाब से वितरण के लिए रखे गये चावल में कीड़े लग गये हैं. बताया गया कि गोदाम की छत पूरी तरह से टूट गयी है. इसमें कई जगहों से पानी टपकता रहता है. जो नीचे अनाज के बोरे पर गिरकर उसे बर्बाद कर रहा है. हालांकि, कर्मियों द्वारा उसके ऊपर प्लास्टिक आदि डालकर बचाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन यह व्यवस्था पर्याप्त नहीं है.

जरूरत से अधिक चना मिला था : प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी

इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी बहादुर रविदास का कहना है कि कोरोनाकाल में जरूरत से अधिक चना भेज दिया गया था. कई डीलरों ने इसका उठाव ही नहीं किया. इस वजह से इसे वापस भेजा जाना था. वापस भेजने के लिए ही इसे गोदाम में रखा गया था. लेकिन, जर्जर गोदाम की वजह से इस पर पानी पड़ गया और यह सड़ गया. उन्होंने बताया कि नये भवन के लिए विभाग को कई बार लिखा गया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

Also Read: झारखंड के गढ़वा शहर को जाम मुक्त करने का सपना होगा पूरा ! फोरलेन बाइपास के निर्माण में क्या है पेंच

Posted By : Samir Ranjan.

Next Article

Exit mobile version