लखीसराय : 20 वर्ष पूर्व जिस युवक को मृत समझ कर माता-पिता ने उसका श्राद्धकर्म तक कर दिया था, वह युवक बुधवार को गंगासराय क्वारेंटिन सेंटर में अपना समय बिताते हुए पाया गया. उसे देखकर लोग हैरान रह गये. लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड के अंतर्गत खपटहा डीह गांव मेमं मिश्री सिंह का बेटा रमाकांत सिंह का बेटा रामाकांत सिंह वर्ष 1999 में लगभग 20 वर्ष की उम्र में गांव से चोरी करने के बाद डर से भाग गया था, जिसके बाद वह लौटा नहीं था. उसके माता-पिता 12 वर्ष तक उसके आने का इंतजार करते रहे और उसकी काफी खोजबीन की थी. लेकिन, उसके नहीं मिलने पर उन लोगों ने बेटे को मृत समझ कर उसका श्राद्धक्रम कर दिया था.
बताया जाता है कि श्राद्धक्रम के बाद वह एत बार गांव आया था, लेकिन कोई उसे पहचान नहीं सका था, जिसके बाद वह निराश होकर दिल्ली वौट गया था. जब कोरोना संक्रमण में फंसे श्रमिकों के साथ वह भी अपने गांव लौटा तो उसे मध्य विद्यालय गांगसराय क्वारेंटिन सेंटर में रह रहा था. उसके संबंध में पचता चलने पर उसके परिजन काफी खुश हैं. नअब वह घर पर ही रहना चाहता है.
रमाकांत ने बताया कि मैं दिल्ली में ई-रिक्शा चलाकर जीविकोपार्जन करता था, लेकिन वॉकडाउन के कारण काम-धंधा बंद हो गया, जिसके कारण मैं दिल्ली से वापस लौटने को मजबूर हो गया. इस दौरान यूपी के अलीगढ़ के पास मेरा मोबाइल और करीव डेढ़ हजार रूपये का चोरी कर ली गयी. किसी तरह मैं भूखा-प्यासा अपने गांव लौटा.