धनबाद में 2.20 लाख हैं घर, सिर्फ 80 हजार मिलता है होल्डिंग टैक्स, कैसे चलायें नगर निगम?
बीसीसीएल से एक रुपया टैक्स नहीं मिलता है. सबको सफाई, लाइट अन्य मूलभूत सुविधा चाहिए. लेकिन लोग टैक्स देना नहीं चाहते हैं. नियमित साफ- सफाई का काम चल रहा. स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस भी हो रहा है.
धनबाद नगर निगम में संसाधनों की कमी है. सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि आंतरिक स्रोत से खर्च वहन करना है. नगर निगम में सालाना 70 करोड़ रुपये खर्च होता है. इसमें से सालाना 40 करोड़ रुपये टैक्स आता है. ऐसे में नगर निगम को कैसे चलाया जाये. यह कहना है नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार का. वह रविवार को प्रभात खबर के संवाद कार्यक्रम में अपनी बातों को रख रहे थे. कहा : नगर निगम क्षेत्र में 2.20 लाख घर है. इसमें मात्र 80 हजार ही होल्डिंग टैक्स देते हैं. झरिया क्षेत्र से एक रुपया होल्डिंग टैक्स नहीं आता है. बीसीसीएल का दो-तिहाई क्षेत्र नगर निगम के अंतर्गत आता है. लेकिन बीसीसीएल से एक रुपया टैक्स नहीं मिलता है. सबको सफाई, लाइट अन्य मूलभूत सुविधा चाहिए. लेकिन लोग टैक्स देना नहीं चाहते हैं. नियमित साफ- सफाई का काम चल रहा. स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस भी हो रहा है. मुहल्ले की सड़कें-नाला बनाया जा रहा है. तालाबों के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ हर वार्ड में पार्क का निर्माण कराया जा रहा है.
मुहल्ले में समस्या है, तो टोल फ्री नंबर पर करें शिकायत
नगर आयुक्त ने कहा कि मुहल्ले में किसी तरह की समस्या है, तो नगर निगम के टोल फ्री नंबर 1800-121100220 पर शिकायत करें. जो शिकायत आती है, वह सीधे ग्रिवांस सेल में पहुंचती है. साफ-सफाई व स्ट्रीट लाइट मामले की शिकायत को 48 घंटे में निदान कर दिया जाता है. ग्रिवांस सेल की लगातार मॉनिटरिंग की जाती है. जब तक शिकायत का निबटारा नहीं होता है, तब तक उस शिकायत पंजी को बंद नहीं किया जाता है. अगर मुहल्ले की सड़क बनाने आदि मामले आते हैं, तो इसमें कुछ समय लगता है.
राजनीतिक दल या धार्मिक संगठन शहर में झंडा लगायें तो उसे हटायें भी
नगर आयुक्त ने कहा कि राजनीतिक दल व धार्मिक संगठनों द्वारा शहर में जगह-जगह झंडा लगा दिये जाते हैं, लेकिन उसे हटाते नहीं है. सभी राजनीतिक दल व धार्मिक संगठनों से अपील है कि झंडा लगाते हैं, तो कार्यक्रम खत्म होने के बाद उसे हटा लें.
पुराना जन्म प्रमाण पत्र है तो डिजिटल करा लें
नगर आयुक्त ने कहा कि नगर निगम से जो भी पुराने जन्म प्रमाण पत्र बनाये गये हैं, उसे डिजिटल करा लें. नगर निगम में पुराने प्रमाण पत्र के साथ आवेदन करें. दो से तीन दिनों में डिजिटल प्रमाण पत्र निर्गत कर दिया जाता है.