पश्चिम बंगाल में 23 नये जिले बनेंगे, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिये संकेत
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा अधिकारियों के साथ टाउन हॉल में आयोजित बैठक में ये बातें कहीं. मौके पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य में फिलहाल 23 जिले हैं, जिनमें से कई जिलों का क्षेत्रफल काफी अधिक है. इसलिए उन्हें बांटकर जिलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए और जिले बनाने की जरूरत पर बल दिया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पर्याप्त मानव शक्ति व बुनियादी ढांचा नहीं होने से और जिले बनाने का काम रुका हुआ है.
बंगाल में अभी हैं 23 जिले
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सिविल सेवा अधिकारियों के साथ टाउन हॉल में आयोजित बैठक में ये बातें कहीं. मौके पर सुश्री बनर्जी ने कहा कि राज्य में फिलहाल 23 जिले हैं, जिनमें से कई जिलों का क्षेत्रफल काफी अधिक है. इसलिए उन्हें बांटकर जिलों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है.
बंगाल में जिलों की संख्या 46 हो सकती है
बंगाल में जिलों की संख्या बढ़ा कर 46 भी की जा सकती है. इसके लिए बंगाल में और मानव शक्ति और अवसंरचना की जरूरत है. बिहार का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां बंगाल से काफी अधिक जिले हैं. ममता बनर्जी ने कहा, ‘हमें जिलों को बांटने की जरूरत है, क्योंकि ये बहुत बड़े हैं. राज्य में जिलों की संख्या बढ़ेगी, तो इससे विकास कार्यों में तेजी आयेगी.’
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बिहार में हैं 38 जिले
उल्लेखनीय है कि बिहार का कुल क्षेत्रफल 94,163 वर्ग किमी है और वहां 38 जिले हैं, जबकि बंगाल का कुल क्षेत्रफल 88,752 वर्ग किमी है और यहां मात्र 23 जिले हैं. मुख्यमंत्री ने फिर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल को उसके हिस्से की धनराशि नहीं दे रहा है.
रुपये नहीं मिलेंगे, तो काम कैसे होगा
बैठक में सुश्री बनर्जी ने कहा, ‘मुझे पता चला है कि केंद्र सरकार ने बीते वर्ष दिसंबर से अब तक 100 दिन के काम के लिए रुपये जारी नहीं किये हैं. मुझे बताइए, अगर लोगों को रुपये नहीं मिलेंगे, तो वे काम कैसे करेंगे? केंद्र सरकार राज्यों से राजस्व वसूलती है, पर उसका बहुत कम हिस्सा देती है.’
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केंद्र जारी नहीं कर रहा बकाया फंड
मालूम रहे कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने केंद्र पर राज्य सरकार का बकाया फंड नहीं देने का इल्जाम लगाया था. आरोप है कि राज्य सरकार का केंद्र पर लगभग 96 हजार करोड़ रुपये बकाया है, जिसका वहां से भुगतान नहीं किया जा रहा है.