वाराणसी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 28 चिकित्सा अधिकारियों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह को सामूहिक रूप से इस्तीफा सौंप दिया है. चिकित्सा अधिकारियों का आरोप है कि उप जिलाधिकारी उन पर दबाव बनाते हुए उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं.
इस्तीफा देनेवाले चिकित्सा अधिकारियों ने अपने त्यागपत्र में लिखा है, ”सहायक नोडल अधिकारी सह उप जिलाधिकारी ने नौ अगस्त को प्रभारी चिकित्साधिकारियों को नोटिस जारी करते हुए कोविड-19 के दौरान किये गये कार्यों को अपर्याप्त बताया है. इस नोटिस से सभी प्रभारियों पर अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है और लक्ष्य पूरा न होने पर आपराधिक कृत्य करार देने और और मुकदमा दायर करने की धमकी दी जा रही है.”
त्यागपत्र में इन चिकित्सा अधिकारियों ने कहा है, ”इतने मानसिक दबाव में वे सब प्रभारी का कार्य करने में असमर्थ हैं.” इन अधिकारियों ने त्यागपत्र में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) की मौत के लिए भी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. उनका आरोप है, ”प्रशासन की ओर से एसीएमओ डॉ जंग बहादुर को बरखास्त करने की धमकी दी गयी थी. इसी के सदमे से शायद उनकी मौत हुई है.”
चिकित्सा अधिकारियों ने यह सवाल उठाया है कि इस मौत की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा. दूसरी ओर सीएमओ डॉ वीबी सिंह का कहना है कि मेडिकल अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है, लेकिन उन्हें समझा-बुझा दिया गया है और सभी लोग अपने काम पर लौट गये हैं. उन्होंनें कहा कि सभी लोग शाम की रिपोर्ट भी भेज रहे हैं.
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने इस प्रकरण को लेकर राज्य सरकार पर हमला करते हुए ट्वीट किया है कि समुचित सुविधाओं के अभाव में जान जोखिम में डाल कर कोरोना पीड़ितों की सेवा में लगे डॉक्टरों पर सरकारी दबाव और धमकी से स्थिति बिगड़ रही है. वाराणसी में 28 स्वास्थ्य केंद्र प्रभारियों का सामूहिक इस्तीफा इसी का नतीजा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि बिना भेदभाव के और सुविधा देकर उनसे सेवा लें, तो बेहतर होगा.
Posted By : Kaushal Kishor