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जांच में जुट गयी हैं खुफिया एजेंसियां, मामले की तह तक जाने की हो रही कवायद
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रिमांड पर लिया गया पंकज सिंह, सेवानिवृत्त जवान अरुण सिंह को भेजा गया जेल
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बीएसएफ के हेड कांस्टेबल कार्तिक बेहरा ने एटीएस की पूछताछ में किया खुलासा
रांची : नक्सलियों और अपराधियों को केंद्रीय सुरक्षा संगठनों के जवानों द्वारा हथियार आपूर्ति करने के मामले ने खुफिया एजेंसियों के होश उड़ा दिये हैं. हथियार व गोली आपूर्ति मामले में अब तक एक सीआरपीएफ जवान, बीएसएफ का एक हेड कांस्टेबल और एक पूर्व हवलदार गिरफ्तार किया जा चुका है.
इस गिरोह से जुड़े पंजाब के फिरोजपुर स्थित बीएसएफ 116 बटालियन में तैनात एक और जवान का नाम भी सामने आया है. इसका खुलासा सरायकेला निवासी गिरफ्तार बीएसएफ का हेड कांस्टेबल कार्तिक बेहरा ने एटीएस की पूछताछ में किया है. उसने बताया है कि उसे गोली आपूर्ति करने में लंबे समय से उक्त जवान मदद करता था. इसके एवज में उसे भी लाभ मिलता था.
संबंधित जवान की तलाश में एजेंसियां जुट गयी हैं. अब बीएसएफ और सीआरपीएफ की विभिन्न यूनिटों में असलहा के उपयोग की जांच अंदरूनी तौर पर शुरू हो गयी है. केंद्र और राज्य की खुफिया एजेंसियां पूरे घटनाक्रम की तह में जाने की कवायद में जुट गयी हैं.
ट्रेनिंग में मिली गोली को बचाकर करते थे आपूर्ति: कार्तिक बेहरा ने पूछताछ में बताया कि बीएसएफ जवानों को ट्रेनिंग के दौरान फायरिंग प्रैक्टिस के लिए काफी गोलियां दी जाती हैं. इसे वह फायरिंग कम कर धीरे-धीरे बचा लेता था. बाद में रुपये की लालच में गोलियां बेच देता था.
पूछताछ के आधार पर पूरे मामले में एटीएस अधिकारी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, ताकि संबंधित जवान के खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई के लिए बीएसएफ के अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जा सके. इधर, केस में रिमांड पर लिये गये पंकज सिंह और बीएसएफ के पूर्व जवान अरुण सिंह को पूछताछ के बाद एटीएस ने शुक्रवार को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. दोनों ने पूछताछ में गिरोह के कार्य और गिरोह से जुड़े अन्य लोगों के बारे भी जानकारी दी है. जिसके बारे एटीएस के अधिकारियों ने जांच और सत्यापन की कार्रवाई शुरू कर दी है.
Posted by: Pritish Sahay