झारखंड : पारसनाथ पर्वत पर चार मई से शुरू हो रहा तीन दिवसीय सेंदरा पर्व, तैयारी पूरी, वन विभाग अलर्ट
पारसनाथ पर्वत पर तीन दिवसीय मरांग बुरू सेंदरा पर्व गुरुवार चार मई से शुरू हो रहा है. तीन दिवसीय सेंदरा पर्व को लेकर मरांग बुरू फाउंडेशन समिति की ओर से सभी तैयारियों पूरी कर ली गयी है. पांरपरिक हथियारों से लैस होकर लोग पर्वत की ओर रवाना होंगे.
Jharkhand News : पारसनाथ पर्वत में तीन दिवसीय मरांग बुरू सेंदरा पर्व इस वर्ष भी पूरे उत्साह के साथ चार से लेकर छह मई, 2023 तक मनाने का निर्णय लिया गया है. इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है. सेंदरा पर्व को लेकर शहीद सिदो-कान्हू मध्य विद्यालय, मधुबन में मरांग बुरू फाउंडेशन समिति की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए समिति के अध्यक्ष रामलाल मुर्मू और संचालन सचिव भगवान दास किस्कू ने सेंदरा पर्व के सफल संचालन का निर्णय लिया.
अंतिम चरण में तीन दिवसीय सेंदरा पर्व की तैयारी
समिति के अध्यक्ष रामलाल मुर्मू ने बताया कि चार मई की देर रात लोग तीर-धनुष, कुल्हाड़ी, फरसा, बीजर, लाठी-डंडा लेकर पारसनाथ पर्वत पर चढ़ेंगे. पांच मई को पर्वत के चारों तरफ जंगलों का भ्रमण कर जानवरों का शिकार करेंगे. छह मई को पर्वत के समीप तुईयो पंचायत के सौहरया गांव में बने बेडादाहा स्थान पर जनसभा होगा. इस दौरान पूरे क्षेत्र के आदिवासी समाज में पूरे वर्ष मांझी परगना का जो विवाद हुआ होगा, उसका डेहरी बाबा के समक्ष फैसला सुनाया जायेगा. यह परंपरा वर्षों से चलते आ रही है.
बैठक में इनकी रही उपस्थित
इस मौके पर जिप सदस्य क्रांति मुर्मू, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष महेश मरांडी, महेश्वर मुर्मू, बुधन हेंब्रम, भुनेश्वर किस्कू, मांझो हेंब्रम, मंगू किस्कू, बाबूराम सोरेन, पतिराम हेंब्रम, बडकू हेंब्रम, ढुनुकलाल मुर्मू, चांदोलाल हेंब्रम, पतिया मुर्मू, साहेबराम मांझी, सोनालाल मांझी, जीवन हांसदा, बैजू मांझी आदि उपस्थित थे.
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दलमा में भी शिकार पर्व का हुआ था आयोजन
इससे पहले सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत दलमा में भी शिकार पर्व का आयोजन हुआ था. इस पर्व को लेकर 3000 से अधिक वीर सेंदरा दलमा की ओर कूच किये थे. इस दौरान कई जंगली जानवरों का शिकार हुआ था. वहीं, वन विभाग ने किसी भी जंगली जानवर का शिकार नहीं करने का दावा किया था.