Bill Gates on AI: जब से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने दुनिया में कदम रखा है इसने दुनिया को कई तरीकों से बदलकर रख दिया है. AI ने लगभग हर तरह के काम को करने के तरीको में बड़े बदलाव किये हैं. AI इतना एडवांस हो चुका है कि इसने कई मामलों में इंसानों को भी रिप्लेस करना शुरू कर दिया है. हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स ने भी एआई को लेकर काफी बड़ा बयान दिया है. अपने बयान में उन्होंने कहा कि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लोगों की नौकरी पर खतरा नहीं बनेगा बल्कि, उनके काम करने के समय को और भी ज्यादा कम कर देगा. अरबपति बिल गेट्स ने यह बयान कॉमेडियन ट्रेवर नोआ के What Now? पॉडकास्ट के दौरान उनसे बातचीत करते हुए दिया. इसी बातचीत के दौरान उनसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरे से जुड़े सवाल भी पूछे गए. इन सवालों के जवाब पर बिल गेट्स ने एक ऐसी दुनिया का विचार सबके सामने रखा जहां इंसानों को पहले जितनी मेहनत नहीं करनी पड़ेगी क्योंकि, जो मशीनें होंगी वे रोजमर्रा के जो टास्क होंगी उसका बोझ उठाएंगी.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में बिल गेट्स का मानना है कि, आने वाले समय या फिर भविष्य में मशीनें चीजें बनाने और यहां तक की खाना पकाने जैसे कई तरह के काम कर सकती है. गेट्स का यह भी मानना है कि AI के चलते काम करने का हफ्ता केवल 3 दिनों का हो जाएगा. ऐसा होने की वजह से सभी को कमा करने का अधिक बैलेंस्ड और आरामदायक तरीका मिल जाएगा. आगे बताते हुए बिल गेट्स ने कहा कि, अपने जीवन के दो दशकों से ज्यादा समय तक वे अपनी कंपनी को लेकर मोनोमैनियाक थे. उन्हें 68 साल की उम्र में इस बात का एहसास हुआ कि, जीवन का मकसद सिर्फ नौकरी करना नहीं है.
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माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक और अरबपति बिल गेट्स ने आगे अपने बयान में बताया कि, अगर आपको अंततः एक ऐसी सोसाइटी मिलती है जहां आपको हफ्ते में केवल तीन दिन या फिर कुछ और काम करने को मिले तो यह सही होगा. मशीनें खाना से लेकर सभी अन्य तरह की चीजें बना सकती है जिस वजह से हमें उतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती. इससे पहले दिए गए इंटरव्यू में बिल गेट्स ने एआई के जोखिमों और फायदों को लेकर भी जिक्र किया था. गेट्सनोट्स पर उन्होंने जुलाई के महीने में शेयर की गयी एक पोस्ट में AI के खतरों को सम्बोधित करते हुए उसे काफी रियल लेकिन प्रबंधनीय बताया था. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि, जोखिम तो असली है लेकिन इसे मैनेज किया जा सकता है.
AI के संभावित जोखिमों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि, गलत इन्फॉर्मेशन और डीपफेक, सिक्योरिटी में खतरे, नौकरी बाजार में और एजुकेशन पर प्रभाव को बताया. उन्होंने लिखा, ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी नयी टेक्नोलॉजी ने लेबर मार्केट में बड़ा बदलाव लाया है. मुझे लगता है कि एआई का असर इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन जितना ही क्रांतिकारी जितना ही ड्रामैटिक होगा, लेकिन यह निश्चित तौर पर पर्सनल कंप्यूटर की शुरुआत जितना ही बड़ा होगा. आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि, एआई का फ्यूचर उतना गंभीर या फिर उतना उज्जवल भी नहीं होगा जितना कुछ लोगों का मानना है. इससे जुड़े सभी जोखिम तो असली हैं लेकिन मुझे उम्मीद है कि उन्हें मैनेज भी किया जा सकता है.
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