3 वर्षीय अयांश की आंखें अब किसी और की दुनिया को करेगी रोशन, परिजनों ने नेत्रदान कर पेश की मिसाल
jharkhand news: हजारीबाग के बड़कागांव का 3 वर्षीय अयांश के परिजनों ने नेत्रदान कर मिसाल पेश की है. एक जनवरी को अयांश के देहांत होने के बाद परिजनों ने यह फैसला लिया है. अब अयांश की आंखें किसी और की दुनिया को रोशन करेगी.
Jharkhand news: हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव के पूर्व सरपंच गोविंद नारायण के 3 वर्षीय पोते अयांश नारायण की आंखों को दान कर उसके परिजनों ने एक मिसाल पेश की है. परिजनों के मुताबिक, 3 वर्षीय अयांश के निधन के बाद उसके परिजनों ने उसके आंख को दान कर किसी और की दुनिया को रोशन किया है.
पूर्व सरपंच गोविंद नारायण के छोटे पुत्र विभाकर नारायण के बेटे थे अयांश. अयांश के पिता विभाकर नारायण और माता रश्मि है. दोनों इंदौर के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत हैं. परिजनों ने बताया कि अब इस दुनिश में उनका बेटा नहीं रहा, पर अब उनकी आंखें दुनिया देखेगी.
नौकरीपेशा पति-पत्नी का मानना है कि भले ही अयांश उनके बीच नहीं है, लेकिन उसकी आंखें किसी और की दुनिया को रोशन करेगी. दुनिया देखेगी. इसी से तसल्ली मिल जायेगा. अयांश के माता-पिता ने बताया कि अयांश नारायण को बचपन से ही हार्ट की बीमारी थी. बेंगलुरु में दो सर्जरी हो चुकी थी. 2 दिन से उसे सर्दी-जुकाम भी था. एक जनवरी को उसकी सांस लेने में परेशानी होने लगी, तो परिजन बॉम्बे हॉस्पिटल ले गये. यहां उसकी मृत्यु हो गयी.
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उसकी मौत के बाद मां रश्मि ने धैर्य रखा और बच्चे की आंखें दान करने की मंशा जतायी. मुस्कान ग्रुप के सेवादार जितेंद्र बकानी व संदीपन आर्य से संपर्क किया. मुंबई हॉस्पिटल के डॉ अमित जोशी व एमके इंटरनेशनल आई बैंक के गोपाल सिरोके ने समन्वय किया और आंखें डोनेट की प्रक्रिया पूरी करायी.
यह आंखें भी देखेगी दुनिया
3 वर्षीय अयांश की मौत पर दादा पूर्व सरपंच गोविंद नारायण, दादी पुष्पा देवी, बड़े पापा प्रभाकर नारायण, बड़ी मम्मी सरिता नारायण, मझंले पापा भास्कर नारायण, चाची सुमन नारायण, भाई सूर्यवंशी नारायण, बहन अर्पणा रंजन समेत अन्य काफी आहत है.भगवान से उसकी आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना कर रहे हैं.
रिपोर्ट : संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग.