रांची से रायपुर पहुंचे UPA के 32 MLA, Resort politics की तरफ बढ़ी झारखंड की राजनीति, पढ़ें खास रिपोर्ट
झारखंड की राजनीति रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की ओर बढ़ गयी है. मंगलवार को यूपीए के 32 विधायकों सहित 41 नेता छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे. यहां फाइव स्टार रिसोर्ट में इन्हें ठहराया गया है. कांग्रेस मीटिंग के नाम से यह रिसॉर्ट बुक हुआ है.
Jharkhand News: झारखंड में चल रही राजनीतिक अस्थिरता का क्लाइमेक्स अब रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की तरफ बढ़ गया है. झारखंड की सियायत में सवाल और सस्पेंस के बीच 32 विधायक सहित कुल 41 नेता और मंत्री मंगलवार को छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे. शाम करीब 5.35 बजे रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पहुंचे झारखंड के विधायकों के लिए पहले से ही तीन लग्जरी बसें लगी हुई थी. बसों को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एयरपोर्ट से सीधे राजधानी के फाइव स्टार मेफेयर रिसोर्ट ले जाया गया. वहीं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झारखंड के विधायकों के साथ मुलाकात करते मेफेयर रिसोर्ट पहुंचे. उन्होंने झारखंड के विधायकों से मुलाकात की. इसके बाद एक बैठक भी आयोजित की गई. इस बैठक में झारखंड की राजनीति पर चर्चा हुई. विधायकों के साथ हेमंत सोरेन के सदस्यता रद्द करने के बाद की स्थिति पर चर्चा हुई और आगे की रणनीति भी बनाई गयी.
झारखंड से आये महागठबंधन के 32 विधायक सहित 41 नेता और मंत्रियों के लिए 30 और 31 अगस्त के लिए रायपुर के फाइव स्टार मेफेयर रिसॉर्ट को बुक कराया गया है. इस दौरान विधायकों को किसी से मिलने की इजाजत नहीं दी गयी है. वहीं, चुनिंदा होटल के कर्मचारी ही विधायकों के पास जा सकेंगे.
इससे पहले जब से झारखंड से विधायकों का छत्तीसगढ़ आना तय हुआ था, तभी से ही राजधानी रायपुर की हलचलें बढ़ी हुई थी. एयरपोर्ट से लेकर होटल तक में सुरक्षा का दो घेरा तैयार कर लिया गया था, ताकि न तो विधायक तक कोई पहुंच सके और न ही विधायक किसी के करीब आ सके. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जैसे इंडिगो की फ्लाइट ने टेक ऑफ किया, रायपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी.
एयरपोर्ट से तीन बसों में सवार होकर पहुंचे रिसॉर्टबैरिकेट का बाड़ा ऐसा तैयार किया किया गया कि मीडिया को कैमरे से भी बमुश्किल ही विधायकों की झलक मिल पायी. जाहिर है, जब मीडिया से विधायकों की दूरी इतना ज्यादा हो, फिर बातचीत का सवाल ही नहीं उठता. एयरपोर्ट पर पहले से खड़ी तीन बसों पर विधायकों को बैठा कर होटल के लिए रवाना किया गया. एयरपोर्ट से होटल मेफेयर की 15 किलोमीटर की दूरी को तय करने में लग्जरी बस को करीब 20 मिनट से ज्यादा का वक्त लगा. आगे-आगे जवानों से भरी दो पायलटिंग गाड़ी और बसों के साथ आगे- पीछे भी पुलिस की तीन गाड़ियां थी. इस दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी सुरक्षा व्यवस्था की बागडोर संभाल रहे थे.
विधायकों से मिलने पर हर किसी को पाबंदीविधायकों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच होटल मेफेयर पहुंचाया गया. होटल में भी सुरक्षा के तगड़े इंतजाम है. विधायकों को बाहरी किसी से मिलने की इजाजत नहीं है. यहां तक कि होटल के कुछ चिह्नित कर्मचारी ही विधायकों के पास आ-जा सकेंगे. पुलिसकर्मियों का दो घेरा होटल के बाहर और अंदर मौजूद है. रिसॉर्ट के गेट पर भी भारी सुरक्षा है, जबकि जहां विधायक ठहरे वहां भी आसपास पुलिस के इंस्पेक्टर और डीएसपी स्तर के अधिकारी तैनात हैं.
फाइव स्टार होटल है मेफेयरछत्तीसगढ़ का होटल मेफेयर पिछली बार तब चर्चाओं में आया था जब राज्यसभा का चुनाव होना था. हरियाणा से कांग्रेस के विधायकों को यहां करीब एक सप्ताह तक रखा गया था. उस दौरान भी यहां सुरक्षा के तगड़े इंतजाम थे. ये बात अलग है कि एक सप्ताह तक राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों को छुपाकर रखने के बावजूद कांग्रेस विधायकों में सेंधमारी हो गयी थी और हरियाणा में कांग्रेस विधायकों ने क्रास वोटिंग कर दी थी. नया रायपुर में स्थित होटल मेफेयर काफी खूबसूरत रिसॉर्ट है. खुली वादियों के बीच बने इस रिसोर्ट में कुल 172 कमरे हैं. शहर से काफी दूर होने के वजह से इस रिसोर्ट को ऐसे राजनीतिक घटनाक्रम के लिए काफी सुरक्षित माना जाता है.
कांग्रेस मीटिंग के नाम से रिसॉर्ट हुआ बुककांगेस की तरफ से रिसॉर्ट को बुक किया गया है. 30 और 31 अगस्त के लिए झारखंड के विधायकों के लिए इस रिसोर्ट को बुक किया गया है. होटल को कांग्रेस मीटिंग के नाम से बुक कराया गया है. झारखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडये और प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर भी इन विधायकों के साथ इस रिसोर्ट में ठहरे हैं.
रिपोर्ट : सत्येंद्र, रायपुर, छत्तीसगढ़.