ओडिशा के संबलपुर जिला स्थित प्रसिद्ध हीराकुद जल भंडार में सोमवार से पक्षियों की गणना शुरू होने जा रही है. 500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस जल भंडार में 32 टीमें सुबह छह से शाम पांच बजे तक पक्षियों की गणना करेंगी. इन टीमों में 33 पक्षी विशेषज्ञ सहित कुल 78 सदस्य शामिल होंगे. गौरतलब है कि पांच जनवरी से चिल्का और हीराकुद जल भंडार में पक्षियों की गणना शुरू हुई थी. दोनों स्थानों पर विदेशी मेहमानों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गयी, जिससे पक्षी वैज्ञानिक व प्रेमी उत्साहित है. उन्हें उम्मीद है कि हीराकुद जल भंडार में भी इस बार पक्षियों की संख्या बढ़ेगी.
पिछले साल से 11462 ज्यादा पक्षी पहुंचे भितरकनिका
नेशनल पार्क में प्रवासी पक्षियों की संख्या बढ़ गयी है. यह बात आज वन विभाग द्वारा की गयी जनगणना रिपोर्ट से पता चली है. पिछले साल अंदरूनी हिस्से में 1 लाख 39 हजार 959 पक्षी आये थे, जबकि इस साल 1 लाख 51 हजार 421 आये हैं. यानी पिछले साल की तुलना में इस साल 12462 ज्यादा पक्षी अंदरूनी इलाकों में आये हैं. यह पिछले 16 साल में सबसे ज्यादा है. पिछले साल 140 प्रजाति के पक्षी भारत आये थे, जबकि इस साल 121 प्रजाति के पक्षी आये हैं.
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सबसे ज्यादा लार्ज व्हिसलिंग डक
लार्ज व्हिसलिंग डक सबसे ज्यादा 28090 हैं. इस वर्ष भितरकनिका में एक दुर्लभ कॉमनसेल डक और कॉमन सोलवर पक्षी भी देखा गया. इस वर्ष ग्रेब्स, पेलिकन, करमोरान्ट्स एंड डार्टर, हेरनस, एग्रेट्स और बिटर्स, स्टॉर्क्स, इबिसेस और स्पूनबिल्स, फ्लेमिंग्स, गीज एंड डक्स, क्रेनउ, रेल्स और गैलिनल्स और कूट, फिनफुट और जकानास, शोरबर्ड वेडर्स, गल्स, टर्नाज और स्किनर्स और कई अन्य विदेशी पक्षियों की पहचान की गयी है.
ओडिशा के जंगल में चार दुर्लभ मेलानिस्टिक बाघ कैमरे में कैद
ओडिशा के एक जंगल में कम से कम चार दुर्लभ छद्म मेलानिस्टिक बाघों को कैमरे में कैद किया गया है. ओडिशा के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) सुशांत नंदा, जो वन्यजीवों के बारे में आकर्षक तस्वीरें, वीडियो और तथ्य साझा करने के लिए जाने जाते हैं, ने हाल ही में असाधारण बाघों का एक वीडियो साझा करने के लिए एक्स का सहारा लिया. एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए नंदा ने लिखा,प्रकृति हमें आश्चर्यचकित करने में कभी असफल नहीं होती. यह दुर्लभतम में से एक है.
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वीडियो सामने आने के बाद खुश हैं पशु प्रेमी
ओडिशा के जंगलों से एक पूर्ण छद्म मेलेनिस्टिक बाघ परिवार. नंदा के वीडियो ऑनलाइन साझा करने के बाद पशु प्रेमी खुश हैं. सोशल मीडिया यूजर्स इस दृश्य को पसंद कर रहे हैं. जबकि नंदा ने उस जंगल का उल्लेख नहीं किया जहां बाघ देखे गये थे, सोशल मीडिया उपयोगकर्ता इसे सिमिलिपाल टाइगर रिजर्व का मान रहे हैं. अनजान लोगों के लिए, मेलानिस्टिक बाघ एक दुर्लभ जीन पूल हैं, जिन पर काली धारियां रॉयल बंगाल टाइगर्स की तुलना में कहीं अधिक पायी जाती हैं. दिलचस्प बात यह है कि ये केवल ओडिशा में पाये जाते हैं. उनकी घनी और गहरी धारियों के कारण उन्हें ‘काला बाघ’ कहा जाता है.