गंगासागर मेले में 40 लाख से अधिक पुण्यार्थियों के पहुंचने की उम्मीद, सुरक्षा व्यवस्था में ली जाएगी इसरो की मदद
मुख्यमंत्री ने गंगासागर मेले को इको-फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया. प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दायित्व प्राप्त अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गंगासागर मेले को इको-फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नबान्न सभाघर में गंगासागर मेले की तैयारियों का जायजा लिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आश्वस्त करते हुए कहा कि गंगासागर मेले के दौरान श्रद्धालुओं को किसी तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए उनकी सरकार सभी तरह के कदम उठा रही है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने सागरद्वीप पर इस वार्षिक मेले की तैयारियों का जायजा लिया. इस मेले के लिए देश और विदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु यहां आते हैं और ‘मकर संक्राति’ के मौके पर गंगा व बंगाल की खाड़ी के संगम में डुबकी लगाते हैं. इस साल गंगासागर मेला आठ जनवरी से 17 जनवरी के बीच आयोजित किया जायेगा. सुश्री बनर्जी ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की मदद से जीपीएस और उपग्रह निगरानी के माध्यम से वाहनों की गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी.
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जलयानों पर लगाये जायेंगे विशेष ट्रैकिंग डिवाइस, अस्पतालों में बेड आरक्षित रखने का भी आदेश
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स्वास्थ्य विभाग को आपात स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश, 300 बेड का अस्थायी अस्पताल बनाया जायेगा
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मेला परिसर में एयर एंबुलेंस, वाटर एंबुलेंस व 100 एंबुलेंस की तैनाती, अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ाने का निर्देश
8 से 17 जनवरी तक चलेगा मेला
समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेला के आयोजन से जुड़े सभी विभाग व संस्थाओं को जल्द से जल्द तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर मेला आठ से 17 जनवरी तक चलेगा. लेकिन उन्होंने जिला प्रशासन व विभागों को दो जनवरी तक तैयारियां पूरी करने का निर्देश दिया. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार यहां 40 लाख से भी अधिक पुण्यार्थियों के पहुंचने की संभावना है, इसलिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने होंगे.
सागर मेले को इको-फ्रेंडली, प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गंगासागर मेले को इको-फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने पर जोर दिया. प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने दायित्व प्राप्त अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे गंगासागर मेले को इको-फ्रेंडली और प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए हर संभव कदम उठायें.
मेले के दौरान चाक-चौबंद रहेगी सुरक्षा-व्यवस्था
वहीं, मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगासागर मेले के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी. गंगासागर मेले के दौरान सुरक्षा के लिए इस बार इसरो की भी मदद ली जा रही है. मूड़ी गंगा में चलने वाले वैसेल पर विशेष सैटेलाइट ट्रैकिंग डिवाइस लगाये जायेंगे, ताकि जलयानों पर निगरानी रखी जा सके. उन्होंने बताया कि गंगासागर में 1,150 सीसीटीवी लगाये जायेंगे. वहीं, लगभग दो दर्जन से अधिक ड्रोन से भी नजरदारी रखी जायेगी. मेले के पास कई अस्थायी फायर सर्विस स्टेशन खोले जा रहे हैं, जहां दो दर्जन से अधिक दमकल के वाहन मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही सुरक्षा के लिए 10 हजार से अधिक पुलिस जवानों को तैनात किया जायेगा. इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से दो हजार से अधिक सिविल डिफेंस कर्मियों को भी तैयार किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात नियमों को लेकर योजना बनायी गयी है. जलक्षेत्र में भी गश्त लगायी जायेगी. कानून-व्यवस्था से किसी भी कीमत पर कोई समझौता नहीं किया जायेगा.
श्रद्धालुओं के लिए होगी 2250 बसों की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों को ले जाने व वापस लाने के लिए सरकारी 2250 बसों की व्यवस्था रहेगी. इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में निजी बस सेवा भी जारी रहेगी. मूड़ी गंगा में पुण्यर्थियों के लिए चार बार्ज, 32 वेसेल, 100 लॉन्च भी चलाये जायेंगे. 21 जेटी से इनका परिचालन किया जायेगा. पूर्व रेलवे से हावड़ा व सियालदह से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का आवेदन किया गया है. पूर्व रेलवे मेले के दौरान ट्रेनों की फ्रिक्वेंसी बढ़ाये, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालओं को सुरक्षित तरीके से गंगासागर मेले तक पहुंचाया जाये. वहीं, रेलवे के प्रतिनिधियों ने कहा है कि मेले के दौरान आठ से 17 जनवरी तक 66 स्पेशल ट्रेनें चलायी जायेंगी.
मंत्रियों को दी गयी जिम्मेदारियां
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय, कोलकाता के मेयर व शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम, बिजली मंत्री अरूप विश्वास, वित्त राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) चंद्रिमा भट्टाचार्य, पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री प्रदीप मजूमदार, जल संसाधन मंत्री पुलक राय, दमकल मंत्री सुजीत बोस सहित वरिष्ठ मंत्रियों को गंगासागर मेले के दौरान गतिविधियों पर करीब से नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण स्थानों पर मौजूद रहने को कहा है. प्रत्येक मंत्री को विशेष जिम्मेदारी सौंपी गयी है.