गढ़वा में 40 हाथियों के झुंड ने मचा रखा है उत्पात, गांवों में घरों को तोड़ा, फसल रौंदी, भैंस को पटककर मार डाला
मंगराही गांव में हाथियों ने संतोष सिंह के घर व गौशाला को तोड़ते हुए गौशाला में बंधे दो भैंसों को पटक दिया. इसमें एक भैंस की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. वहीं दूसरे भैंस की कमर टूट जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया.
गढ़वा जिले के रमकंडा में छत्तीसगढ़ के रिजर्व एरिया व पीटीआर (पलामू टाइगर रिजर्व) क्षेत्र से गढ़वा दक्षिणी वन क्षेत्र वाले इलाकों में 15 दिन पहले पहुंचे 40 हाथियों के झुंड ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है. चिनिया व रंका के विभिन्न क्षेत्रों में उत्पात मचाने के बाद हाथियों के झुंड ने रमकंडा के मंगराही व कुशवार गांव में रविवार की रात जमकर उत्पात मचाया. कुशवार गांव में हाथियों ने उत्पात मचाते हुए छह किसानों के खेत व खलिहान में रखे धान की फसलों को चट कर गया. वहीं मंगराही गांव में हाथियों ने संतोष सिंह के घर व गौशाला को तोड़ते हुए गौशाला में बंधे दो भैंसों को पटक दिया. इसमें एक भैंस की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. वहीं दूसरे भैंस की कमर टूट जाने से वह गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके अलावा हाथियों ने मंगराही निवासी मनोज राम के खलिहान में रखे 50 क्विंटल धान चट कर गये. वहीं मोहरमानी देवी के पांच एकड़ खेत में लगे धान की फसल रौंद कर बर्बाद कर दिया. ग्रामीणों द्वारा हल्ला कर हाथियों को भगाने के दौरान झुंड ने जिमेदार सिंह के एक एकड़ खेत में लगी आलू की फसलों को रौंदते हुए मुरली गांव पहुंचकर सुदेशर राम के सूअर को पटक कर मार डाला. वहीं आलू की फसल रौंदते हुए सीताराम सिंह के मोटरपंप व पाइप को तोड़ दिया.
बिराजपुर से खदेड़े जाने के बाद मंगराही पहुंचे हाथी
सूचना मिलने के बाद सोमवार की सुबह वनरक्षी उत्तम कुमार, देवनाथ राम, निरंजन यादव, रमाकांत राम, समाजसेवी कपिलदेव सिंह ने किसानों के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली. वहीं, मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया. बताया जाता है कि कुशवार गांव में ग्रामीणों की ओर से खदेड़े जाने के बाद हाथियों ने वनरोपण क्षेत्र में घुसकर बांस के गैबीयन को भी क्षतिग्रस्त करते हुए गंगाटोली के रास्ते बिराजपुर गांव पहुंच गया. छठ पूजा के कारण तत्काल ग्रामीणों ने यहां से हाथियों को खदेड़ा, तो हाथियों ने मुरली में उत्पात मचाते हुए मंगराही गांव पहुंचकर उत्पात मचाया.
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इस गांव में प्रत्येक वर्ष पहुंचता है हाथी, लकड़बग्घा
ग्रामीणों ने बताया की पहले हाथियों का उत्पात इस क्षेत्र में कभी कभार होता था. लेकिन पिछले कुछ वर्षों से हाथी का उत्पात इस गांव में वर्षभर होने लगा है. इससे लोग दहशत में हैं. बताया कि हाथियों के इस उत्पात से धान की फसल पकने से पहले ही बर्बाद कर दिया जाता है. वहीं पिछले वर्ष से लकड़बग्घा के आने की शुरुआत होने से लोग दहशत में रहते हैं.
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