जामताड़ा में चयनित 450 फुटपाथी दुकानदारों में 367 को मिला 49.20 लाख रुपये लोन
पीएम स्वनिधि योजना कोविड -19 के दौरान वर्ष 2020 में शुरू किया गया था. इनमें बिना गारंटी के 10 हजार रुपये का लोन बैंकों की ओर से दिलाया जाता है. पहली किस्त बैंक को चुकता करने के बाद दूसरी किस्त में 20 हजार व तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये तक लोन दिया जाता है.
जामताड़ा : सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले दुकानदार ( स्ट्रीट वेंडर ) पीएम स्वनिधि योजना से आत्मनिर्भर होते दिख रहे हैं. नगर के शहरी क्षेत्रों में ऐसे दुकानदारों को सरकार ने प्रोत्साहित कर रोजगार का सहारा दिया तो वे फिर से ऋण लेने के लिए आवेदन कर रहे हैं. जामताड़ा नगर पंचायत क्षेत्र में ऐसे 450 वेंडर का चयन किया गया था. इनमें सड़क के किनारे ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदारों को शामिल किया था. विभाग की ओर पहली बार 269 दुकानदारों को प्रथम किस्त 10-10 हजार रुपये लोन बैंक के माध्यम से दिलाया गया, जिसमें कुल 26 लाख 98 हजार रुपये लोन बैंक से दिया गया. इसके बाद इन्हीं दुकानदारों में से 89 दुकानदारों ने पहली किस्त का लोन चुकता कर दूसरी किस्त के लोन के लिए आवेदन किया तो बैंक की ओर से इन दुकानदारों को 20-20 हजार रुपये करते कुल 17 लाख 80 हजार रुपये भुगतान किया गया. इसी प्रकार तीसरे किस्त के लोन के लिए अब तक 11 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें अब तक नौ दुकानदारों को 50-50 हजार रुपया करके चार लाख 50 हजार रुपये लोन के रूप में दिया गया. वर्ष 2020 से सितंबर 2023 तक 450 दुकानदारों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत जोड़ने का लक्ष्य मिला है. इसमें तीन किस्तों को मिलाकर 367 दुकानदारों को योजना से जोड़ा जा सका है. अबतक कुल 49 लाख 20 हजार रुपये लोन के रूप में दिया जा चुका है.
पीएम स्वनिधि योजना कोविड -19 के दौरान वर्ष 2020 में शुरू किया गया था. इनमें बिना गारंटी के 10 हजार रुपये का लोन बैंकों की ओर से दिलाया जाता है. पहली किस्त बैंक को चुकता करने के बाद दूसरी किस्त में 20 हजार व तीसरी किस्त में 50 हजार रुपये तक लोन दिया जाता है. सड़क के किनारे ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाने वाले दुकानदारों को नगर पंचायत कार्यालय में आवेदन करना पड़ता है. आवेदन के लिए आधार कार्ड, बैंक का पासबुक, नगर पंचायत की ओर से पथ विक्रेता पंजीकरण रसीद व स्ट्रीट वेंडर्स का प्रमाण-पत्र जरूरी है. इन योजनाओं का लाभ लेने वाले को कई और योजनाओं का लाभ दिया जाता है.
फुटपाथी विक्रेताओं को राशि प्रदान कर बनाया जा रहा है स्वावलंबी
दीनदयाल राष्ट्रीय अंत्योदय योजना व राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के लाभुकों को बैंक से वित्तीय सहायता उपलब्ध करा उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है. यह योजना कोविड-19 को देखते हुए वर्ष 2020 से फुटपाथी विक्रेताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रारंभ किया था. योजना के तहत सड़क के किनारे दुकान लगाने वाले या साइकिल से गली मुहल्ले भ्रमण कर सामान की बिक्री करने वाले लोग इसके लाभुक होते हैं. प्रति लाभुक बैंक से 10 हजार रुपये बतौर कर्ज प्रदान किया जाता है. लाभुक की ओर से राशि का उचित उपयोग व बैंक को लोन चुकता कर देने पर दूसरी किस्त में 20 हजार व तीसरे किस्त में 50 हजार की रकम लोन के तौर पर उपलब्ध होता है. यह राशि किस्तों में लाभुकों को बैंक को चुकता करना है. मिहिजाम नगर परिषद क्षेत्र में भी लोगों को सहायता प्रदान किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-23 तक तीन वर्षो में कुल 660 लाभुकों के चयन का लक्ष्य रखा गया था. योजना के लिए प्राप्त आवेदनों में से प्रथम किस्त के लिए 406 लाभुकों को बैंक से लोन उपलब्ध कराया गया. वहीं दूसरी किस्त के लिए 123 वेंडरों ने आवेदन दिया था. इसमें से 53 लाभुकों को दूसरी किस्त का लोन उपलब्ध कराया गया. तीसरी किस्त 50 हजार के लोन के लिए 14 आवेदन प्राप्त हुए थे. इसमें से पांच व्यक्तियों को तीसरी किस्त का लोन स्वीकृति हुआ है. योजना के तहत लाभुकों का कार्य क्षेत्र मिहिजाम होना आवश्यक है.
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