UPI पेमेंट के नियमों में होंगे ये बड़े बदलाव, जानें आप पर क्या पड़ेगा असर
UPI Payment Rules Changing in January 2024: आज के समय में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) भारत में सबसे पसंदीदा पेमेंट मेथड्स में से एक बन गया है. बता दें इसे साल 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा डेवलप किया गया था.
UPI Payment Rules Changing in January 2024: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल शायद ही ऐसा कोई हो जो कि न करता हो. लॉन्च होने के बाद से इसने भारत में सबसे पसंदीदा पेमेंट मेथड का खिताब हासिल कर लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें साल 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा इसे डेवलप किया गया था और लॉन्च के बाद ही इसने भारतीयों के पेमेंट करने और पैसे रिसीव करने के तरीके को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें पिछले कुछ महीनों में NPCI ने UPI पेमेंट्स में कई बदलावों की घोषणा की है। ये सभी बदलाव जनवरी के महीने से ही लागू किए जाएंगे. तो चलिए इन बदलावों के बारे में डीटेल से जान लेते हैं.
यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट में बढ़ोतरी
पिछले साल दिसंबर के महीने में, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि UPI पेमेंट के लिए ट्रांजैक्शन की लिमिट पहले के 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. गवर्नर ने बाय-मंथली मोनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की घोषणा में कहा कि, यह बढ़ोतरी अस्पतालों और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को पेमेंट करने के लिए की गई है, और ऑनलाइन पेमेंट के लिए यूपीआई को अपनाने में सुधार के लिए किया गया है.
Also Read: Tata Pay ऐप को मिला लाइसेंस, गूगल पे से होगा मुकाबलाइनएक्टिव यूपीआई आइडीज को किया जाएगा डिएक्टिवेट
पिछले साल, NPCI ने Google Pay, Paytm और PhonePe जैसे पेमेंट ऐप्स के साथ-साथ बैंकों को निर्देश दिया था कि वे 31 दिसंबर, 2023 तक एक साल से अधिक समय से एक्टिव नहीं होने वाली इनएक्टिव UPI आईडीज को डीएक्टिवेट कर दें. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अभी तक इस तरह के सभी अकाउंट्स को डीएक्टिवेट कर दिया गया हो.
1 लाख रुपये तक के UPI ऑटो पेमेंट के लिए कोई ऑथेंटिकेशन नहीं
RBI ने हाल ही में घोषणा की है कि कुछ मामलों में 1 लाख रुपये तक के यूपीआई पेमेंट के लिए अब एडिशनल फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) की जरुरत नहीं होगी. RBI गवर्नर ने कहा कि, एएफए के बिना क्रेडिट कार्ड पुनर्भुगतान, म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन और इंश्योरेंस प्रीमियम के रेकरिंग पेमेंट्स के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ई-जनादेश की लिमिट में बढ़ोतरी की गई है. घोषणा से पहले, AFA के बिना ट्रांसफर की जा सकने वाली अमाउंट की लिमिट 15,000 रुपये थी.
Also Read: Redmi Note 13 से Samsung Galaxy S24 तक, इस महीने लॉन्च होंगे कई धाकड़ SmartphonesUPI लाइट वॉलेट ट्रांजैक्शन लिमिट में बढ़ोतरी
ऑफलाइन किए गए यूपीआई लाइट वॉलेट के लिए ट्रांजैक्शन की लिमिट भी 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई है. ट्रांसफर किये जा सकने वाले मैक्सिमम अमाउंट 2,000 रुपये है. यह बढ़ोतरी खराब इंटरनेट कनेक्शन वाले जगहों में यूपीआई-लाइट वॉलेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए की गई है.
कुछ UPI पेमेंट्स पर इंटरचेंज फी
एनपीसीआई ने कुछ मर्चेंट्स द्वारा किए गए यूपीआई पेमेंट पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज फी लगाने की घोषणा की थी. यह फी ऑनलाइन वॉलेट जैसे प्रीपेड पेमेंट डिवाइसेज का इस्तेमाल करके किए गए 2,000 रुपये से अधिक पर लागू होता है.