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हेमंत सरकार में ISBT के लिए बनी 50 करोड़ की डीपीआर, दो बार हुआ टेंडर, नहीं पहुंचा कोई संवेदक

हेमंत सरकार के आने के बाद आधुनिक बस टर्मिनल का प्राक्कलन और स्थल दोनों बदल दिया गया. 2020 में गोविंदपुर की पंडुकी में 8.50 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी. 50 करोड़ की डीपीआर बनी. कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी. दो बार इसका टेंडर भी हुआ. दोनों बार एक भी संवेदक टर्नअप नहीं हुए.

रघुवर सरकार में धनबाद के बरटांड़ बनने वाली 257 करोड़ की आधुनिक इंटर स्टेट बस टर्मिनल योजना ने दम तोड़ दिया. नगर निगम बोर्ड की मुहर लग चुकी थी. स्टेक होल्डरों की बैठक भी हुई. चार साल तक योजना को लेकर खूब आपाधापी मची. हेमंत सरकार के आने के बाद आधुनिक बस टर्मिनल का प्राक्कलन और स्थल दोनों बदल दिया गया. 2020 में गोविंदपुर की पंडुकी में 8.50 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी. 50 करोड़ की डीपीआर बनी. कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी. दो बार इसका टेंडर भी हुआ. दोनों बार एक भी संवेदक टर्नअप नहीं हुए. डीपीआर में कुछ संशोधन कर नये सिरे से टेंडर निकालने की तैयारी चल रही है.

2017 में आधुनिक बस टर्मिनल के लिए बनी थी योजना

2017 में आधुनिक बस टर्मिनल के लिए योजना बनी थी. नगर निगम बोर्ड ने 2017 में प्रस्ताव पर मुहर लगायी गयी. गुजरात मॉडल के पीपीपी मोड पर आधुनिक बस टर्मिनल बनना था. 99 साल की लीज पर निजी क्षेत्र को आवंटन करना था. धनबाद से लेकर रांची तक स्टेक होल्डरों की बैठक हुई, लेकिन धरातल पर योजना नहीं उतर पायी. 2020 के बाद आधुनिक बस टर्मिनल का मामला धीरे-धीरे ठंडा पड़ गया और स्थल बदलकर पंडुकी कर दिया गया.

पंडुकी में प्रस्तावित आइएसबीटी के लिए नहीं मिल रहे संवेदक

सरकार बदलने के साथ योजना भी बदल गयी. बरटांड़ में प्रस्तावित आधुनिक बस टर्मिनल की जगह जीटी रोड पंडुकी में बस टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव लाया गया. कैबिनेट ने पंडुकी के लिए 50 करोड़ का डीपीआर पर मंजूरी दे दी. जुडको की देखरेख में बस टर्मिनल बनना था. दो बार टेंडर निकला लेकिन दोनों बार संवेदक टर्नअप नहीं हुए.

बरटांड़ योजना पूरी होती तो होता फायदा

बरटांड़ में टर स्टेट बस टर्मिनल बनता तो जय प्रकाश नगर (डीनोबिली) की सड़क 90 फुट चौड़ी होती, बस लिए 18 प्लेटफॉर्म होते और एक साथ 185 बसों का ठहराव हो सकता था. 700 कार की पार्किंग, ऑटो व रिक्शा स्टैंड की व्यवस्था होती. जयप्रकाश नगर रोड से होकर गाड़ियां बस टर्मिनल में घुसती और दूसरी ओर से बाहर निकलती. इससे जाम की समस्या समाप्त होती. पूछताछ केंद्र, डिसप्ले बोर्ड व एयर पोर्ट की तरह वेटिंग हॉल की सुविधा यात्रियों को मिलती. यहां चार एकड़ में कॉमर्शियल शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और 1.80 लाख वर्गफीट का रिटेल मार्केट बनता था. शापिंग कॉम्प्लेक्स, मल्टीप्लेक्स, रेस्टोरेंट व थ्री स्टार होटल भी बनना था.

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पंडुकी में क्या होना है

बसों के आवागमन के लिए 20 बस-वे, 200 लोगों की क्षमता का प्रतीक्षालय, 16 टिकट काउंटर और 26 महिला व पुरुष शौचालय बनना है. बस अड्डा पर कैब, ऑटो व रिक्शा के लिए अलग से 5,135 वर्ग फीट भूमि पर पार्किंग, बसों के सर्विसिंग सेंटर, होटल, रेस्टोरेंट की भी व्यवस्था होगी.

फैक्ट फाइल

  • रघुवर सरकार में बरटांड़ में बनना था इंटर स्टेट बस टर्मिनल

  • 2017 में नगर निगम बोर्ड ने बस टर्मिनल पर लगायी थी मुहर

  • गुजरात मॉडल पर पीपीपी मोड में बनना था बस टर्मिनल

  • 2019 में आइडेक कंपनी ने स्टेक होल्डरों के साथ की थी बैठक

  • हेमंत सरकार आने के बाद योजना का स्थल और प्राक्कलन दोनों बदला

  • जीटी रोड पंडुकी में आइएसबीटी के लिए 8.50 एकड़ जमीन चिह्नित की गयी

  • आइएसबीटी के लिए कैबिनेट ने 50 करोड़ की मंजूरी दी

  • जुडको की देखरेख में बनना है आइएसबीटी

  • दो बार टेंडर निकला, एक भी संवेदक टर्नअप नहीं हुए

नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजना थी. रघुवर सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह व सचिव अजय सिंह ने स्टेक होल्डरों की बैठक रांची में की थी. इसके बाद आइएसबीटी की फाइल वित्त विभाग में गया हुआ था. इसी बीच नगर निगम बोर्ड भंग हो गया. इस योजना पर किसी ने फॉलोअप नहीं किया गया. सरकार के बदलते के बाद वित्त विभाग में फाइल सिमट कर रह गयी.

-चंद्रशेखर अग्रवाल, पूर्व मेयर

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