कोडरमा में प्रबंधन की लापरवाही, 52 बच्चों का भविष्य अधर में

कोडरमा शहर के वार्ड नंबर 28 स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंडुआटांड़ का है. यहां आठवीं में अध्यनरत बच्चों ने समय पर परीक्षा तो दी, पर विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से करीब 52 बच्चों का प्रैक्टिकल का नंबर जैक बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन इंट्री ही नहीं हो पायी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 5, 2022 3:09 PM

Koderma news: शिक्षा विभाग सब पढ़ें-सब बढ़ें का नारा देकर बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए प्रोत्साहित तो कर रहा है, पर कुछ विद्यालयों में प्रधानाध्यापक व शिक्षकों की लापरवाही से बच्चों का भविष्य भी अधर में लटक रहा है. ताजा मामला, शहर के वार्ड नंबर 28 स्थित राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंडुआटांड़ का है. यहां आठवीं में अध्यनरत बच्चों ने समय पर परीक्षा तो दी, पर विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही से करीब 52 बच्चों का प्रैक्टिकल का नंबर जैक बोर्ड की वेबसाइट पर ऑनलाइन इंट्री ही नहीं हो पायी. इस वजह से अब हाल यह हो गया है बच्चों ने अन्य विषयों में अच्छा अंक हासिल तो कर लिया है, पर इनका पूरा परीक्षा परिणाम ही रुक गया है.

आठवीं बोर्ड में शामिल होने के बाद इन बच्चों ने नवम् में नामांकन को लेकर अन्य सरकारी विद्यालय में नामांकन प्रक्रिया भी पूरी करने को लेकर आवेदन दिया, पर अंतिम समय में रिजल्ट पेंडिंग रहने से अब इनका अगली कक्षा में नामांकन होने के साथ ही भविष्य भी अधर में लटकता दिख रहा है. एक तरह से अगर विभाग ने जल्द कोई समाधान नहीं निकाला तो इन बच्चों का एक वर्ष बर्बाद होना तय माना जा रहा है.

जानकारी के अनुसार राजकीयकृत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंडुआटांड में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों ने पहले बोर्ड की परीक्षा दी. विभाग के नियमानुसार सबकी प्रैक्टिकल की परीक्षा भी ली गयी, पर जैक बोर्ड की साइट पर इनके प्रैक्टिकल का नंबर डाला ही नहीं गया. यह जवाबदेही विद्यालय के प्रधानाध्यापक की होती है, लेकिन इस चूक के बाद जब बच्चों का भविष्य अधर में लटका है, तो प्रधानाध्यापिका भी अपनी लापरवाही को स्वीकार कर आगे गुहार लगाने की बात कर रही है. बच्चों का भविष्य अधर में लटका है तो बच्चों के साथ ही अभिभावकों ने भी विरोध जताना शुरू कर दिया है. इनका कहना है कि अगर समय रहते पेंडिंग परीक्षा परिणाम जारी नहीं किया गया तो बच्चों का एक वर्ष बर्बाद हो जायेगा.

हमने परीक्षा तो दी है, हमारा क्या कसूर?

लापरवाह सिस्टम की मार झेल रहे विद्यार्थियों में कृष्णा कुमार, वैभव कुमार, विशाल कुमार, कुणाल यादव, कृष कुमार शर्मा, आयुष कुमार शर्मा, पियूष कुमार, अनुराग कुमार, ऋषभ कुमार, अंकित कुमार, राजेश कुमार, जैकी कुमार, शिवम कुमार, अक्षय कुमार, मुन्ना कुमार, छात्राओं में प्रियंका कुमारी, नीतू कुमारी, प्रीति कुमारी, शिवानी कुमारी, दिव्या कुमारी, चांदनी कुमारी, मुश्कान कुमारी, खुशबु कुमारी, लक्ष्मी कुमारी आदि ने बताया कि हमने समय पर सभी विषयों की परीक्षा दी. अब पता चल रहा है कि हमारा प्रैक्टिकल का ही नंबर ऑनलाइन नहीं भेजा गया है, जिससे रिजल्ट पेंडिंग हो गया है. हमें नवम् कक्षा में नामांकन लेना है. कुछ ने तो सीएच स्कूल में नामांकन की प्रक्रिया भी अपना ली है. अब टीसी के साथ ही मार्क्सशीट को लेकर परेशानी है. ऐसे में हमारा नामांकन नहीं होगा तो आगे पढ़ेंगे कैसे समझ में नहीं आ रहा.

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