GSVM में मेडिसन- सर्जरी सहित पीजी कोर्स की 55 सीटें बढ़ीं, शासन ने 66 करोड़ किए मंजूर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर एनएमसी ने मेडिसिन, सर्जरी,आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक,गायनी,ईएनटी, पैथोलॉजी समेत विभिन्न क्लीनिकल व नॉन क्लीनिकल विभागों में निरीक्षण किया था.
कानपुर. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC)की पहल पर विभिन्न क्लीनिकल व नॉन क्लीनिकल विभागों में पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रमों में 55 सीटों की वृद्धि की है. पीजी की सीटों की संख्या बढ़ जाने के कारण कॉलेज में इंफ्रास्ट्रक्चर व उपकरणों की जरूरत पूरी करने के लिए करीब 66 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. बीते दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर एनएमसी ने मेडिसिन, सर्जरी,आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक,गायनी,ईएनटी, पैथोलॉजी समेत विभिन्न क्लीनिकल व नॉन क्लीनिकल विभागों में पीजी की सीटें बढ़ाए जाने को लेकर निरीक्षण किया था.
एनएमसी ने दी स्वीकृति
निरीक्षण के दौरान कुछ खामियों के सुधार के बाद एनएमसी ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के विभिन्न विभागों में पीजी की 55 सीटें बढ़ाए जाने को लेकर हरी झंडी दी थी.इधर पीजी यानी एमडी- एमएस के पाठ्यक्रमों में पठन-पाठन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर व उपकरणों के लिए शासन ने करीब 66 करोड़ पर स्वीकृत किए हैं. इस राशि का 60 फ़ीसदी केंद्र 40 फीसदी प्रदेश सरकार वहन करेगी. इस धनराशि से वेंटिलेटर, अर्थोंस्कोप, बर्न यूनिट आदि के उपकरण के इंतजाम जल्दी कॉलेज प्रशासन करेगा.
धनराशि से इंफ्रास्ट्रक्चर उपकरणों का इंतजाम होगा
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य प्रोफेसर (डॉ) ऋचा गिरि के मुताबिक पीजी की बड़ी सीटों के अनुसार उपकरण व इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए परीक्षा 66 करोड़ स्वीकृत हुए हैं.इसमें 34 करोड़ से विभागों में उपकरणों को खरीदा जाएगा.वहीं, शेष फंड को अन्य मदों में खर्च किया जाएगा. केंद्र सरकार ने फेज-2 में उपकरणों की खरीद के लिए केंद्र और राज्य से 60-40 अंशदान के नियम पर मंजूरी दी है.
पांच साल बाद हॉस्टल के लिए दिए 72 करोड़
पांच साल पहले एमबीबीएस में 60 सीटें बढ़ी थीं. तब कॉलेज में सिर्फ 190 सीटें हुआ करती रहीं. नए स्टूडेंट्स के रहने के लिए ब्वायज हॉस्टल नहीं थे. अभी तक उन्हें पुराने हॉस्टलों में ही समायोजित ही किया जाता रहा लेकिन अब उनके लिए नया हॉस्टल बनाया जाएगा, जिसके लिए 72 करोड़ जारी किए गए हैं.
रिपोर्ट:आयुष तिवारी