राजीव पांडेय, रांची : कोरोना वायरस से बचाव के लिए सरकार अपने स्तर से हरसंभव प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 24 जिलाें में 557 आइसोलेशन बेड तैयार किया है. सबसे ज्यादा पूर्वी सिंहभूम में 105 बेड तैयार किये गये हैं. बोकारो में 101, रांची में 91, धनबाद में 60 बेड की व्यवस्था की गयी है. वहीं, राज्य के अन्य 20 जिलों में 10-10 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गयी है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हर दिन शाम को प्रत्येक जिला के साथ समीक्षा की जाती है.
आवश्यकता के हिसाब से सुविधाओं को बढ़ाया जायेगा. इनके अलावा गोड्डा व देवघर में पांच-पांच बेड का आइसीयू भी तैयार किया गया है. अन्य जिलाें में अलग से आइसीयू बेड नहीं बनाया गया है. यहां आवश्यकता के हिसाब आइसीयू का निर्माण किया जायेगा. सरकार कोरोना वायरस के मद्देनजर वेंटीलेटर मशीन की व्यवस्था करने जा रही है, ताकि आपातकाल में कोरोना के गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जा सके.
जिला अस्पतालों को मिला है 214 एन-95 मास्क, स्टाॅक में हैं 336 : अांकड़ों की मानें तो राज्य के जिला अस्पतालों में 214 एन-95 मास्क मुहैया कराया गया है. सबसे ज्यादा 58 मास्क रांची सदर अस्पताल को दिया गया है. सिमडेगा को 30, गोड्डा को 23, बोकारो को 20, दुमका को 15, जामताड़ा को 10, गुमला को 13, सिंहभूम व लोहरदगा को आठ और खूंटी को पांच मास्क दिया गया है. इसके अलावा 336 एन-95 मास्क को रिजर्व में रखा गया है.
गोड्डा और देवघर में पांच-पांच बेड का आइसीयू तैयार किया गया है
कोरोना के मद्देनजर वेंटीलेटर मशीन की व्यवस्था की जा रही
राज्य में 40,000 व्यक्ति पर है एक आइसीयू बेड
राज्य में करीब चार करोड़ की अाबादी है और करीब 1000 आइसीयू बेड है. औसतन 40 हजार व्यक्ति पर एक आइसीयू बेड उपलब्ध है. ऐसे में सरकार को जिला अस्पताल की चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना होगा. आइसीयू बेड की संख्या को बढ़ाना होगा, जिससे आपात की स्थिति में भी लोगों को बेहतर चिकित्सा मुहैया करायी जा सके.
आइसोलेशन वार्ड प्रत्येक जिला में तैयार कर लिया गया है. जिला अस्पतालाें को एन-95 मास्क मुहैया कराया गया है. हमारे पास स्टाॅक है. हम पूरी तरह से तैयार हैं.
डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, स्वास्थ्य सचिव
मास्क के उपयोग से ज्यादा उसका निष्पादन जरूरी
रिम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार ने बताया कि मास्क व सेनेटाइजर के उपयोग से काफी हद तक सुरक्षित रहा जा सकता है. मास्क के उपयोग से ज्यादा उसका निष्पादन जरूरी है. थ्री लेयर मास्क, एन-95 मास्क छह से आठ घंटे बाद खराब हो जाता है. उसको धोकर उपयोग नहीं करना है. मास्क काे छह घंटे बाद जमीन को खोद कर दबा देना है या फिर जला देना है. कपड़ा से तैयार मास्क को प्रतिदिन धोकर उपयोग किया जा सकता है. 100 एमएल पानी काे गर्म करके उसमें 15 ग्राम ब्लिचिंग पाउडर मिला कर कपड़ा वाले मास्क को धो लें.
सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित 150 की हुई स्क्रीनिंग
रिम्स में ओपीडी बंद होने के बाद सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित मरीजों के लिए अलग से स्क्रीनिंग डेस्क बनाया गया है. यहां स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को कोरोना हेल्प डेस्क भेजा जा रहा है. मंगलवार को स्क्रीनिंग डेस्क में सर्दी-खांसी व बुखार से पीड़ित करीब 150 लोगों की जांच की गयी. इसके बाद सिर्फ दो मरीजों को कोरोना हेल्प डेस्क भेजा गया.
वहां पर जांच के बाद दोनों को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर सैंपल जांच के लिए संग्रहित किया गया. टास्क फोर्स टीम के डॉ निशित एक्का ने बताया कि पहले सर्दी-खांसी व बुखार की समस्या वाले काफी लोग कोरोना हेल्प डेस्क आ जा रहे थे, इससे स्क्रीनिंग में परेशानी हो रही थी. अब स्क्रीनिंग डेस्क होने से कोरोना के लक्षण वाले मरीजों की सही से पहचान हो पायेगी. स्क्रीनिंग करनेवाले डॉक्टरों को पीपीइ मुहैया करायी गयी है.
दिल्ली से आये भिठा बस्ती के चार लोगों को भेजा गया रिम्स
कांके रोड के भिठा बस्ती निवासी दिल्ली से आये चार लोगों के छिप कर रहने की सूचना ग्रामीणों ने गोंदा पुलिस को दी. गोंदा पुलिस ने उन्हें रिम्स का नंबर दे दिया. ग्रामीणों ने रिम्स को फोन कर इसकी जानकारी दी. इसके बाद मेडिकल टीम चारों को लेकर रिम्स पहुंची. जांच के लिए ब्लड सैंपल लेकर उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है़