कोलकाता : सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद चीन के वुहान से शुरू होने वाला जानलेवा कोरोना वायरस पश्चिम बंगाल में तेजी से फैलता जा रहा है. जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित तबलिगी मरकज में हजारों लोगों के एकत्र होने और अब इन लोगों के पूरे देश में फैल जाने की वजह से प्रशासनिक महकमा परेशान है. मरकज में मौजूद लोगों में से अब तक 93 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है.
आशंका है कि मरकज में जितने लोग थे, उनमें से बहुत से लोग संक्रमित हुए होंगे. इस बीच, पता चला है कि तबलिसी मरकज के जमात में 73 लोग पश्चिम बंगाल से भी शामिल होने गये थे. दावा किया जा रहा है कि इनमें से कई लोग चोरी-छिपे बंगाल लौट आये हैं. ये कुछ अन्य लोगों के संपर्क में भी आये हैं. इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग सहम गया है.
राज्य के गृह सचिव अलापन बनर्जी ने एक बयान जारी कर कहा है कि पश्चिम बंगाल से जो भी लोग निजामुद्दीन के तबलिसी मरकज में गये थे, उन्हें चिह्नित किया जा रहा है. उनकी जांच की जायेगी और 14 दिनों के लिए सभी संदिग्धों को क्वारेंटाइन में रखा जायेगा.
सूत्रों ने बताया है कि निजामुद्दीन से कई लोग कोलकाता होते हुए अंडमान निकोबार भी गये हैं. एयरपोर्ट सूत्रों ने बताया कि 24 मार्च को 55 लोग कोलकाता से अंडमान निकोबार पहुंचे थे. इसमें से 10 वे लोग थे, जो निजामुद्दीन स्थित तबलिसी मरकज की जमात में शामिल होकर लौटे थे.
इनमें से 6 लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. अब इस बात की भी जांच की जा रही है कि कोरोना वायरस से संक्रमित जो 6 लोग कोलकाता एयरपोर्ट से होते हुए अंडमान निकोबार गये हैं, उनके संपर्क में कितने लोग आये. ऐसे तमाम लोगों की जांच शुरू कर दी गयी है, जो उनके संपर्क में आये होंगे.
ज्ञात हो कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव भी उसी विमान में सवार थे, जिसमें कोरोना वायरस से संक्रमित 6 लोग अंडमान गये थे. मुख्य सचिव को फिलहाल होम क्वारेंटाइन में रखा गया है और डॉक्टर उनकी जांच कर रहे हैं.