झारखंड : सरायकेला में 60 बाल कलाकारों ने छऊ नृत्य के जरिये बांधा समां, हौसला बढ़ाने पहुंचे सैकड़ों लोग
सरायकेला में 60 बाल कलाकरों ने छऊ नृत्य पेश कर लोगों का मन मोहा. बड़ा टांगरानी स्थित मां गंगा सेंटर फॉर आर्ट एंड एजुकेशन परिसर में अधिकांश नृत्य पौराणिक एवं सामाजिक थीम पर आधारित थे. मांदर एवं नगाड़े की थाप तथा शहनाई की धुन पर बाल कलाकारों ने 15 नृत्यों की प्रस्तुति कर सतरंगी छंटा बिखेरा.
सरायकेला-खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश : सरायकेला के बडा टांगरानी स्थित मां गंगा सेंटर फॉर आर्ट एंड एजुकेशन परिसर में ग्रामीण बच्चों द्वारा पहली बार भव्य छऊ नृत्य का प्रदर्शन किया गया. छऊ अखाड़ा में विधिवत पूजा अर्चना के बाद नारियल फोड़ और दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इसके बाद बाल कलाकारों ने छऊ नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया.
बाल कलाकारों ने 15 नृत्य की प्रस्तुति की
छऊ गुरु विजय कुमार साहु के कुशल निर्देशन में बडा टांगरानी, छोटा टांगरानी एवं आसपास के गांवों के 60 बाल कलाकारों ने छऊ नृत्य प्रदर्शित किया. बाल कलाकारों ने गणेश, मयूर, राधा-कृष्ण, हर पार्वती, वाण विद्या, देवदासी, नाविक आदि नृत्यों की प्रस्तुति कर समां बांधा. बाल कलाकारों द्वारा 15 नृत्यों की प्रस्तुति की गई. मांदर एवं नगाड़े की थाप तथा शहनाई की धुन पर बाल कलाकारों ने छऊ की सतरंगी छंटा बिखेरा. अधिकांश नृत्य पौराणिक एवं सामाजिक थीम पर आधारित थे. कलाकारों ने छऊ नृत्य के माध्यम से जीवन के हर रंग को प्रदर्शित किया.
कला प्रेमियो ने बाल कलाकारों को बढ़ाया हौसला
सरायकेला तथा पठानमारा पंचायत के कई गांव से सैकड़ों कला प्रेमी उपस्थित होकर इन कलाकारों का हौसला बढ़ाया तथा नृत्य का लुत्फ उठाया. कार्यक्रम को सफल बनाने में मां गंगा आर्ट एंड एजुकेशन सेंटर के संयोजक तरुण सिंह, छऊ गुरु विजय कुमार साहू, वार्ड सदस्य प्रीतम कुमार सिंहदेव, अजय कुमार साहू, कैलाश सिंहदेव, दुर्योधन कुंभकार, जगन्नाथ सिंहदेव, चंदन सिंहदेव तथा समस्त ग्रामीणों का सहयोग रहा.
Also Read: झारखंड : कोल्हान का एक ऐसा गांव जहां आज तक नहीं बनी सड़क, ग्रामीणों को आवागमन में होती परेशानीविभिन्न क्षेत्रों में नि:शुल्क मंच प्रदान करते हुए उनके प्रतिभा को निखारना है : तरुण सिंह
इस दौरान मां गंगा आर्ट एंड एजुकेशन सेंटर के संयोजक तरुण सिंह ने कहा कि इस सेंटर का उद्देश्य ग्रामीण बच्चों के लिए अलग- अलग क्षेत्रों में नि:शुल्क मंच प्रदान करते हुए उनके प्रतिभा को निखारना और उनका चहुमुखी विकास करना है. कम समय में ही संस्था द्वारा सुदूरवर्ती क्षेत्र के ग्रामीण बच्चों के लिए काउंसलिंग, मोटिवेशनल, टेक्निकल, खेल एवं कला से जुड़े अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में यह मील का पत्थर साबित होगा.
ग्रामीण बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, बस उन्हें मंच देने की आवश्यकता है : गुरु विजय साहू
छऊ गुरु विजय कुमार साहू ने कहा कि ग्रामीण बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है. बस उन्हें मंच देने की जरूरत है. उन्होंने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को नियमित सेंटर भेजें, तभी वो भविष्य में अच्छे कलाकार बन सकते हैं. सभी कलाकारों को नि:शुल्क छऊ नृत्य की शिक्षा दी जा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में ओर बड़े पैमाने पर नवोदित कलाकारों को छऊ नृत्य की शिक्षा दी जायेगी. कहा कि सरायकेला के कण-कण में कला है. यहां के प्रतिभाओं को निखार कर आगे बढ़ाना है.