राष्ट्रीय लोक अदालत में 6347 मामलों का निष्पादन, 86 करोड़ के राजस्व की वसूली
कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राम वचन सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व बताया. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह ने कहा कि समाज का उत्थान समाज के लोगों को ही करना होगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों की समस्या का समाधान करता है.
झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार रांची एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार गढ़वा द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय गढ़वा और अनुमंडलीय न्यायालय नगर उंटारी में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसका उदघाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह ने किया. लोक अदालत में कुल 6347 वादों का निष्पादन करते हुए 86.02 करोड़ रु राजस्व की वसूली की गयी. राष्ट्रीय लोक अदालत के लिए 22 पीठ का गठन किया गया था. इसके माध्यम से अपराध के 176 वाद, बिजली से संबंधित 31, मोटरवाहन से संबंधित 07, कुटुंब न्यायालय के 30 व नगर परिषद के 5609 एवं स्थायी लोक अदालत के 144 वादों का निष्पादन किया गया. इसके पूर्व कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राम वचन सिंह ने राष्ट्रीय लोक अदालत का महत्व बताते हुए कार्यक्रम की शुरूआत की. इसके बाद प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश शरण सिंह ने कहा कि समाज का उत्थान समाज के लोगों को ही करना होगा. जिला विधिक सेवा प्राधिकार समाज के हर वर्ग से जुड़े लोगों की समस्या का समाधान करता है. जिला विधिक सेवा प्राधिकार न्यायालय, प्रशासन एवं पुलिस की एक समेकित संस्था है. यह आम जनता के लिए कार्य करती है तथा उनकी समस्या का समाधान करती है. कार्यक्रम को सफल बनाने में न्यायालय कर्मी अमर कुमार, श्याम बिहारी, सुमित्रा देवी, पीएलवी सूर्यदेव चौधरी व राजेश कुमार ने सक्रिय भूमिका निभायी.
ये लोग थे उपस्थित
मौके पर गढ़वा के जिला जज प्रथम संजीव कुमार सिंह, जिला जज पंचम विमलेश कुमार सहाय, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष कमल नयन पांडेय, जिला जज द्वितीय संतोष आनंद प्रसाद, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार विपुल, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिनव कुमार सहित काफी संख्या में न्यायालय कर्मी, अधिवक्ता व वादी उपस्थित थे.
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