पश्चिम बंगाल के दक्षिण कोलकाता के टेंगरा इलाके में हाल में ही भयावह आग लगी थी. 17 दमकल इंजनों की मदद से आग को काबू में किया गया था. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर टेंगरा, तपसिया और तिलजला इलाके में सर्वे किया गया था. ये महानगर के घनी आबादी वाले इलाके हैं. इन इलाकों में लेदर सहित कई अन्य तरह के कारखाने हैं. कई ऐसे कारखाने हैं, जिनका परिचालन अग्निशमन व्यवस्था के बगैर ही किया जा रहा है. ऐसे कारखानों को चिह्नित करने के लिए सर्वे किया गया. कोलकाता नगर निगम, दमकल विभाग, सीईएससी और कोलकाता पुलिस ने संयुक्त रूप से मिल कर यह सर्वे किया. दमकल मंत्री सुजीत बोस ने शुक्रवार को कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम को सर्वे रिपोर्ट सौंप दी.
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मेयर ने बताया कि कोलकाता के उक्त इलाकों में करीब 650 कारखाने बगैर फायर लाइसेंस के चलाये जा रहे हैं. वहीं, 490 कारखानों को रिपोर्ट में खतरनाक घोषित किया गया है. इन्हें खतरनाक तरीके से चलाया जा रहा है. ये सभी छोटे कारखाने हैं. इन कारखानों में हर समय आग लगने की आशंका रहती है. वहीं, मेयर ने बताया कि सर्वे रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि टेंगरा, तपसिया और तिलजला इलाके में निगम के 750 डीप ट्यूबवेल हैं. इसके अलावा दमकल विभाग ने कुछ और डीप ट्यूबवेल तैयार को कहा है. मेयर कहा कि जलापूर्ति के लिए फिलहाल इन डीप ट्यूबवेल का इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, आग लगने के दौरान उस पर काबू पाने के लिए दमकल विभाग इनका इस्तेमाल करेगा.
मेयर ने बताया कि उक्त कारखानों को हम बंद नहीं करवा सकते हैं. इससे लोग बेरोजगार हो जायेंगे. ऐसे में जिन कारखानों के मालिकों के पास फायर लाइसेंस नहीं हैं, उन्हें नोटिस भेजा जायेगा, ताकि वे फायर लाइसेंस को प्राप्त करें. वहीं, छोटे कारखाने के मालिकों को फायर ड्रिल की ट्रेनिंग दी जायेगी.
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